Bhagalpur Bridge Collapsed: बिहार में एक बार फिर से भागलपुर-सुल्तानगंज पुल गिरने की घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना पर सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि यह पुल तीसरी बार गिरा है और इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की ओर से इस परियोजना को लेकर लापरवाही बरती गई है. तेजस्वी यादव ने पुल के डिजाइन में गड़बड़ी होने का दावा किया और कहा कि इस पुल को पूरी तरह से ध्वस्त करके दोबारा निर्माण किया जाना चाहिए.
समीक्षा और रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने एक कमेटी का गठन किया था जो इस पुल की स्थिति की जांच कर रही थी. उन्होंने मांग की कि नीतीश सरकार को उस कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए. उन्होंने कहा, ''जब हमारी सरकार थी, तो हमने समीक्षा बैठक की थी और सुझाव दिया था कि इस पुल को तोड़कर फिर से बनाया जाए. लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.'' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में मंत्री ने इस पुल की समीक्षा को लेकर कोई बैठक नहीं की है और यदि की है तो उसकी जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए.
15 अगस्त के भाषण पर प्रतिक्रिया
वहीं तेजस्वी यादव ने 15 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. सीएम के 12 लाख नौकरियों के वादे पर उन्होंने कहा कि अगर इससे मुख्यमंत्री को खुशी मिलती है तो उन्हें खुश रहने दिया जाए. उन्होंने सीएम के भाषण में लालू परिवार पर किए गए अप्रत्यक्ष हमलों पर तंज कसते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को इस तरह से निजी और राजनीतिक टिप्पणियां करते पहले नहीं देखा गया है.
पुल निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप
इसके अलावा आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर पुल निर्माण में भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस पुल का निर्माण हुआ है, वह भ्रष्टाचार का एक जीता-जागता उदाहरण है. अगर इस मामले में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती है, तो राज्य में ऐसे हादसे बार-बार होते रहेंगे. अब देखना होगा कि इस बार सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और पुल का निर्माण दोबारा होता है या नहीं.