चुनाव आयोग (Election Commission) के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections 2020) को लेकर तारीखों की घोषणा किए जाने के बाद चुनावी जंग के लिए मैदान तैयार हो गया है. इधर, राजनीतिक दल भी चुनावी जंग में उतारने के लिए अपने 'योद्धाओं' के चयन को लेकर कवायद तेज कर दी है. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष (Opposition) तक में उम्मीदवारों को लेकर जोड़तोड़ प्रारंभ है. चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद शनिवार को सभी पार्टी कार्यालयों में उम्मीदवारों की दावेदारी को लेकर नेताओं की भीड़ उमड़ रही है. लोग लगातार अपनी पहुंच के हिसाब से बड़े नेताओं से मिलकर उम्मीदवार की दावेदारी पेश कर रहे हैं.
इधर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो पार्टी कार्यालय में उम्मीदवारों की दावेदारी करने वाले नेताओं से खुद मिल रहे हैं. बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा प्रारंभ कर दी गई है. सूत्रों का कहना है कि राजग में जदयू और भाजपा में सीट बंटवारे को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं है. सीट बंटवारे को लेकर 2010 में हुए चुनाव को आधार बनाया गया है. हालांकि, 2015 में जदयू के राजद के साथ चुनाव लड़ने के बाद कई सीटों के अदलाबदली होने की संभावना है. ऐसी स्थिति में कहा जा रहा है कि दोनों दलों को कई परंपरागत सीटों को छोड़ना पड़ सकता है.
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वैसे सबसे अधिक परेशानी अन्य दलों के वर्तमान विधायकों के जदयू में आने के कारण हो रही है. ऐसी स्थिति में कई सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. इधर, भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव बिहार के वरीय नेताओं से उम्मीदवारों और सीट बंटवारे को लेकर फीडबैक को लेकर शनिवार को दिल्ली चले गए है, जहां वे पार्टी के वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं से बात करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, जदयू भी सीट बंटवारें को लेकर सांसद ललन सिंह और आर सी पी सिंह को बात करने की जिम्मेदारी दी है. राजग में लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान से भी बातचीत होगी.
लोजपा और जदूय के बीच तानातनी को लेकर अभी तक स्पष्टता सामने नहीं आई है. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को लोजपा के पूर्व अध्यक्ष रामविलास पासवान से पुराने संबंध होने की बात कहकर इस तानातनी को कुछ कम करने के संकेत दिए हैं. इस बीच, विपक्षी दलों के महागठबंधन में अब सीट बंटवारे और प्रत्याशियों को लेकर गहमागहमी बनी हुई है. बिहार कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमिटी के अध्यक्ष और पार्टी के महासचिव अविनाश पांडेय कमिटी के दो अन्य लोगों के साथ शनिवार को पटना पहुंचे हैं.
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कांग्रेस के एक नेता बताते हैं कि कमिटी के नेता शनिवार को दिनभर पार्टी के वरीय नेताओं से बैठक करेंगे. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के शनिवार को दो दौर में होने वाली बैठक के बाद दिल्ली में इन फैसलों पर मुहर लगेगी और फिर घटक दलों से बात की जाएगी. सूत्र कहते हैं कि इस दौरान राजद के नेताओं से भी बात हो सकती है. इस बीच, महागठबंधन को लेकर स्थिति साफ नहीं है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है, जबकि वामपंथी दलों के भी महागठबंधन में शामिल होने को लेकर औपचारिक घोषणा नहीं की गई है.