संविधान के 126वें संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी देने के लिए आज बिहार विधान सभा और विधान परिषद का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया. इस सत्र में एससी/एसटी के लिए आरक्षण को और 10 साल बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया. सभी दलों के नेताओं ने इस विधेयक का समर्थन किया है. जिसके बाद सदन ने एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. उस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी का धन्यवाद किया. हालांकि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा परिसर में विपक्षी दलों ने सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर जमकर हंगामा किया.
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126वें संशोधन विधेयक पर विधानसभा में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दलितों पर कई सालों से अत्याचार होता रहा है, इसलिए उन्हें यह आरक्षण मिलना ही चाहिए. चर्चा के दौरान बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि एससी-एसटी वर्ग के लिए कोई स्थायी उपाय हो. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के 126वें संशोधन विधेयक का हम सब समर्थन करते हैं. एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर तेजस्वी ने कहा कि इसे बिहार में लागू नहीं होने देंगे. खून भी देना पड़ेगा तो हम तैयार हैं. उन्होंने कहा कि क्या हमें देश के नागरिक होने का सबूत देना होगा? हम संविधान विरोधी काम नहीं होने देंगे.
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तेजस्वी ने सवालिया लहजे में कहा कि एनआरसी और सीएए पर सीएम नीतीश किसी बात मानेंगे पता नहीं. पुरानी बातों को सदन में याद दिलाते हुए तेजस्वी ने कहा, 'जब हम नीतीश जी के बगल में बैठते थे तो वो कहते थे आरएसएस बहुत खतरनाक है. अब आगे की लड़ाई आप लोगों को लड़नी है. नीतीश जी पहले यह बात मुझ से कहते थे और आज कल चिराग पासवान से कहते हैं.' इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जवाब दिया और कहा कि बिहार में एनआरसी लागू करने का सवाल ही नहीं है.
Source : News Nation Bureau