आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सभी पार्टियों ने कमर कस ली है तो वहीं बिहार में सियासी सरगर्मी तेज हो चुकी है. शुक्रवार को ललन सिंह के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा लिया गया तो वहीं अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की कमान खुद संभाल ली है. इसके पीछे की वजह पार्टी के नेता अशोक चौधरी ने मीडिया में बताया कि ललन सिंह आगामी चुनाव में लड़ने जा रहे हैं और ऐसे में वह इस पद की जिम्मेदारी नहीं संभालना चाह रहे थे, जिसकी वजह से पार्टी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार किया. तो दूसरी ओर सियासी गलियारों में यह भी खबर आई कि लालू यादव से ललन सिंह की बढ़ती नजदीकियों की वजह से ललन सिंह का इस्तीफा लिया गया. फिलहाल राजद और जदयू के बीच सबकुछ ठीक होने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रहा.
वहीं, इस बीच बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी रविवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने के लिए उनके आवास पहुंचे. इस दौरान अवध बिहारी चौधरी के साथ तेज प्रताप यादव भी नजर आए. इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं और कयासों व अफवाहों का दौर शुरू हो गया. आपको बता दें कि 19 दिसंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक हुई थी. इस बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम उम्मीदवार बनाने पर सहमति जताई. जिसके बाद से ही जदयू नेता में इसे लेकर नाराजगी देखी जा रही थी. वहीं, इस बैठक के बाद सीएम नीतीश और राहुल गांधी की कॉल पर भी बात हुई. जिसके बाद तेजस्वी यादव नीतीश कुमार से मिलने के लिए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे.
बीजेपी ने साधा जदयू पर निशाना
इस बीच बीजेपी लगातार यह आरोप लगा रही है कि ललन सिंह जदयू का विलय राजद में करवाने वाले थे और वह जल्द ही लालू के साथ मिलकर तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम बनाने वाले थे. जिसकी वजह से नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह का इस्तीफा ले लिया और खुद ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की पद की कमान संभाली. इस बीच विधानसबी स्पीकर औऱ लालू के इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.