केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लेफ्ट छात्र संगठनों खासकर आईसा (AISA) ने पूरे बिहार में बंद बुलाया है. इसे तमाम राजनीतिक पार्टियों जैसे आरजेडी, हम, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन ने समर्थन दिया है. इस बीच बिहार सरकार ने उपद्रव को देखते हुए कई कदम उठाए हैं, जिसमें बड़े स्तर पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती से लेकर बिहार के 12 जिलों में अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा को बंद करने का भी फैसला शामिल है.
बिहार बंद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बिहार बंद के मद्देनजर सूबे के 9 जिलों में पारा मिलिट्री फ़ोर्स की तैनाती की जा रही है. पटना में रैपिड एक्शन फ़ोर्स और एसएसबी के एक एक बटालियन की तैनाती की गई है. सारण, समस्तीपुर,वैशाली, बेतिया, सहरसा में एसएसबी की एक एक बटालियन की तैनाती की गई है. वहीं, भोजपुर, लखीसराय और औरंगाबाद में सीआरपीएफ की एक एक बटालियन तैनात है.
बिहार के 12 जिलों में इंटरनेट सेवा बन्द
बिहार सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट और टेलीफोन मोबाइल सेवा को बंद कर दिया है. बिहार के जिन जिलों में अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट और टेलीकॉम सेवाएं बंद रहेंगी उनमें कैमूर,भोजपुर, औरंगाबाद, रोहतास, बक्सर, नवादा, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली और सारण शामिल है. इन जिलों में 17 जून की दोपहर 2 बजे से 19 जून तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है, साथ ही साथ सोशल मीडिया एप्लीकेशन भी प्रभावित रहेगा.
अब तक 310 से अधिक उपद्रवी गिरफ्तार
बिहार के अलग अलग जिलों में 310 से अधिक उपद्रवियों की गिरफ्तारी हुई है, पटना में 46 उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी हुई है. अब तक अलग अलग जिलों में कुल 60 एफआईआर दर्ज हुए हैं. बिहार पुलिस उपद्रवियों से सख्ती से निपट रही है.
बिहार बंद का कई पार्टियों ने किया समर्थन का ऐलान
राजद, हम और वीआईपी जैसे विभिन्न दलों ने शुक्रवार को राज्य के विभिन्न युवा संगठनों द्वारा शनिवार को बुलाए गए बिहार बंद को अपना समर्थन दिया है. बिहार में पिछले तीन दिनों से जारी हिंसा और शुक्रवार को भी कई रेलवे संपत्तियों पर हमले और तोड़फोड़ के बीच बंद का आह्वान किया गया है. इस बीच राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी की पूंजीवादी सरकार युवा विरोधी नीतियों के जरिए बेरोजगारी बढ़ा रही है. क्या यह सरकार (नरेंद्र मोदी सरकार) ठेकेदारों द्वारा बनाई गई है जो अनुबंध पर नौकरी की पेशकश कर रहे हैं. केंद्र को अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लेना चाहिए. उन्होंने युवाओं से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने की भी अपील की.
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हम और वीआईपी ने भी बंद का किया समर्थन
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी बिहार बंद को समर्थन देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि हम देश के उन युवाओं के साथ हैं जो अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं. हम किसी भी तरह की हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं. हम वैचारिक रूप से युवाओं और देश के हित में 18 जून को बिहार बंद का समर्थन कर रहे हैं. वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश साहनी ने कहा, हमने 18 जून को बिहार बंद के लिए युवाओं को नैतिक और वैचारिक समर्थन दिया है. अग्निपथ योजना और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ देश के युवाओं में भारी रोष है. यही कारण है कि देश में लाखों युवा सड़कों पर उतर आए हैं। केंद्र सरकार पीछे नहीं हट रही है जो देश के लिए बड़ी चिंता का विषय है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
HIGHLIGHTS
- अग्निपथ योजना के विरोध में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी
- छात्र संगठनों ने पूरे बिहार को बंद करने का किया ऐलान
- बिहार के कई दलों ने बंद का किया समर्थन, इंटरनेट सेवा बंद