बिहार के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष नित्यानंद राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ के साथ विपक्षियों पर ऐसा बयान दिया है जिसपर सियासी बवाल खड़ा हो सकता है। बयान पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने सफाई दी है।
राय ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर उठने वाली हाथ-ऊंगली को तोड़ दें, जरूरत पड़ी तो काट दें।
उन्होंने कहा, 'जिनकी मां खाना परोसती थी। नरेंद्र मोदी जी को खाना खिलाने बैठती थी। उस थाली में मां को ना बेटा और बेटे को न मां दिखाई देती थी। आज उस परिस्थिति से उठकर वो देश के पीएम बने हैं। गरीब का बेटा, उसका स्वाभिमान होना चाहिए। एक-एक व्यक्ति को इसकी इज्जत होनी चाहिए।'
उजियारपुर से सांसद राय ने आगे कहा, '...उनकी ओर उठने वाली ऊंगली को, उठने वाले हाथ को...हम सब मिलके या तो तोड़ दें, जरूरत पड़ी तो काट दें।'
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बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद उन्होंने सफाई दी है और कहा है कि उनके बयान के गलत मतलब निकाला गया है और उन्होंने सिर्फ मुहावरे के तौर पर ऐसा कहा था।
उन्होंने कहा, 'मैने मुहावरे के रूप में कहा था। मैं खेद व्यक्त करता हूं और अपने बयान को वापस लेता हूं।'
पहली बार नहीं है जब बिहार बीजेपी अध्यक्ष राय की जुबान फिसली है। उन्होंने इसी साल अगस्त में कहा था कि मस्जिद और चर्च से अजान और घंटी के बजाय 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम्' की आवाज आनी चाहिए।
हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा, 'मैंने कहा था कि मस्जिद और चर्च से भारत माता की जय और वंदे मातरम् की आवाज आनी चाहिए। मेरा मतलब यह नहीं था कि यह अजान और घंटी की जगह पर आनी चाहिए।'
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Source : News Nation Bureau