विपक्षी दलों के बाद अब सत्तारूढ़ भाजपा के नेता भी बिहार के स्वास्थ्य ढांचे पर राज्य सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं, जो कि देशव्यापी विवाद के बीच कोविड-19 महामारी के कारण बढ़ रहे मामलों से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है. राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार में बुनियादी सुविधाएं 'चरमरा गई हैं'. जायसवाल ने कहा कि स्थिति इस स्तर पर पहुंच गई कि डॉक्टर फोन भी नहीं उठा रहे हैं. वे वर्तमान स्थिति में असहाय हो गए हैं. मैंने दूसरी लहर में इतने सारे लोगों को खो दिया है.
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जायसवाल ने कहा कि हमने हाल ही में चंपारण में कोविड रोगियों को बचाने के लिए बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था की है. अब, सुविधा बंद होने की स्थिति में पहुंच गई है. हम बेटिया शहर में 90 बेड बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और हम इसमें जरूर कामयाब होंगे लेकिन यह पर्याप्त नहीं होगा. कोविड पॉजिटिव लोगों की संख्या 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है. जायसवाल ने कहा, 'कोरोना का सबसे अच्छा इलाज सामाजिक दूरी बनाना और मास्क पहनना है. दुर्भाग्य की बात है लोग अभी इस घातक वायरस के खतरे को नहीं समझ रहे और बाजारों में घूम रहे हैं.'
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इस बीच, राजद ने जायसवाल की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'उनका कोविड ज्ञान और जागरूकता तब कहां थी जब उन्होंने और बीजेपी के अन्य नेताओं ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के लिए प्रचार किया और भारी सभाएं आयोजित की. क्या चुनाव अभियान के दौरान कोविड का प्रोटोकॉल नहीं टूटा था? भाजपा राज्य और केंद्र दोनों ही जगह सत्ता में है .. उन्होंने कोरोना की पहली लहर से क्यों नहीं सीखा और कोविड से लड़ने के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास क्यों नहीं किया.'