बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली बिहार कैबिनेट ने राज्य में 103 नई नगर पंचायत और 8 नए नगर परिषद बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके साथ ही 12 नगर निकायों के विस्तारीकरण और 5 नगर परिषद को नगर निगम के रूप में अपग्रेडेशन की भी मंजूरी कैबिनेट ने दी है.
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बैठक में नगर परिषद, सासाराम, नगर परिषद, मोतिहारी सहित बेतिया, समस्तीपुर और मधुबनी नगर परिषद को नगर निगम में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. बैठक में जिन 103 नगर पंचायत बनाए जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई है, उसमें पटना के पुनपन और पालीगंज तथा नालंदा जिले के हरनौत, सरमेरा, रहुई, परवलपुर, गिरियक, अस्थावां, एकंगरसराय व चंडी शामिल हैं.
32 नगर पंचायतों के नगर परिषद में बदलने वाले क्षेत्रों में नालंदा की राजगीर नगर पंचायत अब नगर परिषद में बदल जाएगी, जबकि भोजपुर का पीरो, रोहतास का नोखा, पूर्वी चंपारण का चकिया व रामनगर नगर पंचायत अब नगर परिषद होंगे. उल्लेखनीय है कि अगले साल राज्य में पंचायत चुनाव प्रस्तावित हैं, जिसके लिए मतदाता सूची बनने का काम जारी है.
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यह भी माना जा रहा है कि बिहार कैबिनेट ने राज्य में शहरीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया है. उल्लेखनीय है कि 2011 की जनगणना के मुताबिक, बिहार में सिर्फ 11.27 फीसदी शहरी आबादी है. इतना ही नहीं, बिहार के कई अनुमंडल मुख्यालय अभी ग्राम पंचायत के अधीन आते हैं. ऐसे में सरकार का योजना है कि नए नगर निकायों के गठन से लोगों को नई सुविधाएं मिल पाएंगी. कई तरह के विकास कार्यों को प्रगति मिल सकेगी.
इससे स्ट्रीट लाइट, मशीनों के माध्यम से शहरों की साफ-सफाई, ड्रेनेज सिस्टम, पार्क और सामुदायिक सुविधाएं लोगों को मिल सकेंगी. वहीं इन इलाकों में रहने वाली बड़ी आबादी को शहरी सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा. इसके अलावा कई पुराने प्रखंड मुख्यालय जिनकी संख्या 12 हजार के आसपास थी, वहां शहरीकरण के अलग-अलग मानक मौजूद थे, लेकिन वो भी ग्रामीण क्षेत्र में ही के अधीन आते थे.
Source : News Nation Bureau