केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह के लिए जद यू पार्टी में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं...आरसीपी सिंह जिनके इर्द गिर्द घूमती रही बिहार की सत्ता,नीतीश कुमार के कार्यकाल में डेढ़ दशक तक आरसीपी का सिक्का चलता रहा। जद यू पार्टी से प्रशासनिक महकमे तक अगर किसी का बोलबाला रहा तो वो आरसीपी सिंह रहे। पार्टी ने सर्वोच्च पद पर रखा ,राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, राज्यसभा भेजे गए। मगर जब से केंद्रीय मंत्रिमंडल में आरसीपी पहुंचे और उत्तरप्रदेश चुनाव में भी बीजेपी से गठबंधन न करा सके तब से आरसीपी को लेकर पार्टी के अंदर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गयी थी। जून के पहले हफ्ते में जब आरसीपी को पार्टी ने राज्यसभा नही भेजा तब ये साफ हो गया कि आरसीपी से शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी है। पिछले हफ्ते पटना के 7 स्ट्रेंड रोड बंगले से भी इन्हें बेदखल कर दिया गया, जिस बंगले में वे डेढ़ दशक तक रहे थे। पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने तो ये भी नसीहत दे डाली की आरसीपी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
बिजेंद्र यादव ने क्या कह दिया?
जब आरसीपी सिंह के नाराज़गी पर सवाल बिजेंद्र यादव से किया गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि " काहे उसकी चर्चा करते हैं पार्टी में जो लोग हैं अगर एन्टी पार्टी काम करेंगे तो उन्हें निकाला जाएगा,अभी वो पार्टी के मेंबर हैं ,कल क्या होगा देखा जाएगा...हर पार्टी का नियम है,जो अनुशासनहीनता करेंगे उन्हें निकाला नही जाएगा,पार्टी का जो नियम है ,सिद्धांत है,कानून है उस पर जो काम नही करेगा उसे निकाला जाएगा" पिछले दिनों आरसीपी के करीबी माने जाने वाले चार लोगों को पार्टी से बाहर कर दिया जिसमें प्रवक्ता अजय आलोक भी थे। अब पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता के ये बोल बहुत कुछ कह रहे हैं,क्या आर सी पी सिंह पर पार्टी कीसी कारवाई के मूड में है, हाल की घटनाओं और नेताओं के बयान तो कुछ ऐसा ही इशारा दे रहे हैं।
Source : Rajnish Sinha