बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आज से किताबों का 'संसार' सजेगा. 10 दिनों तक चलने वाले इस पुस्तक मेला का थीम इस बार 'पेड़, पानी और जिंदगी' रखा गया है. सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित होने वाले इस पटना पुस्तक मेले का परिसर सजधज कर तैयार है. 8 नवंबर से 18 नवंबर तक आयोजित इस मेले में प्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक, कवि व पत्रकार शामिल होंगे.
सीआरडी के अध्यक्ष व लेखक रत्नेश्वर ने बताया कि इस बार पटना पुस्तक मेला में विशेष रूप से पर्यावरण पर जागरूकता के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसी दिशा में मेला परिसर में स्थित सभागारों, मंचों और प्रखंडों के नाम वृक्षों पर रखे गए हैं.
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इस प्रकार मेला परिसर में छह प्रखंड होंगे, जिनके नाम नीम, सेमल, पलाश, गुलमोहर, कदम्ब तथा अशोक के वृक्षों के नाम पर हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक भवन का नाम जहां 'पीपल' दिया गया है वहीं मुक्ताकाश मंच का नाम 'तुलसी' रख गया है. आम सभागार की पहचान 'बरगद' से होगी. पुस्तक मेले में इस साल 100 से ज्यादा प्रकाशक भाग लेंगे, जिनके लिए 700 स्टॉल बनाए गए हैं.
सीआरडी के प्रवक्ता कुमार पंकजेश ने बताया कि पटना पुस्तक मेले में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटेकर, जल पुरुष राजेंद्र सिंह, गायिका उषा उत्थुप, चर्चित पत्रकार संजय पालीवाल और सुप्रिय प्रसाद भी भाग लेंगे.
जन संवाद कार्यक्रम में थर्ड जेंडर रवीना बारिहा और रेशमा प्रसाद 'किन्नर, समाज और साहित्य' विषय पर प्रकाश डालेंगी. पटना पुस्तक मेला में पुस्तकों का यह संसार करीब एक लाख वर्गफुट में बसा होगा. इसमें देशभर से आए हुए प्रसिद्ध प्रकाशक अपना स्टॉल लगाएंगे. मेले में पर्यावरण पर आधारित कार्यक्रम के साथ ही सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.
Source : IANS