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Bihar caste-based survey 2023: नीतीश सरकार के पक्ष में फैसला, बिहार में जारी रहेगी जातीय गणना

बिहार में जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने जातीय सर्वेक्षण के विरुद्ध दायर याचिकायों को ख़ारिज कर दिया है.

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Jatin Madan
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फाइल फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Bihar caste-based survey 2023: बिहार में जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने जातीय सर्वेक्षण के विरुद्ध दायर याचिकायों को ख़ारिज कर दिया है. राज्य सरकार को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब बिहार सरकार राज्य में जातिय गणना करवा सकती है. आज HC ने करीब 100 पन्नों का आदेश जारी किया. आपको बता दें कि बिहार सरकार द्वारा करवाई जा रही जाति आधारित गणना पर 4 मई को पटना हाईकोर्ट के तरफ रोक लगा दी गई थी. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया था कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है, उसे नष्ट नहीं किया जाए.

7 जुलाई को सुनवाई हुई थी पूरी

मिली जानकारी के अनुसार 4 मई तक जाति आधारित गणना का 80 फीसदी से अधिक काम हो चुका था. इसके बाद बिहार सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची. सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करने से माना कर दिया था और कहा था कि अगर 3 जुलाई तक पटना हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई नहीं होती है तो 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट मामले में सुनवाई होगी. इसके बाद 3 जलाई को मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में शुरू हो गई थी. 7 जुलाई को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसले को सुरक्षित रखा गया था.

जातीय गणना के खिलाफ सभी याचिका खारिज

आज हाईकोर्ट ने जातीय गणना को रोकने वाली सभी याचिका को खारिज कर दिया है. 8 याचिकाकर्ताओं ने जातीय गणना पर अपना पक्ष रखा था. एडिशनल जनरल पीके शाही ने सरकार का पक्ष रखा था. बीजेपी लगातार बिहार में जातीय गणना पर रोक की मांग कर रही थी तो वहीं, महागठबंधन इसे जनता के लिए जरूरी बताता रहा था. 

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JDU ने फैसले का किया स्वागत

जातीय गणना पर हाईकार्ट के फैसले के बाद JDU MLC नीरज कुमार ने कहा कि जो लोग चाहते थे कि बिहार में जातीय गणना न हो उनके ऊपर एक तमाचा है और अब इससे ना तो केवल बिहार ही बल्कि और अन्य राज्यों को भी फायदा होगा. अब वो भी अपने राज्यों में जातीय गणना करा सकेंगे.

कांग्रेस ने कहा-अन्य राज्यों को भी होगा फायदा

वहीं, इसको लेकर कांग्रेस ने उच्च न्यायालय को धन्यवाद दिया. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि BJP और उनके नेता जो नहीं चाहते थे बिहार में जातीय जनगणना हो तो वह अब क्या बोलेंगे. वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के इस फैसले को सही माना और अब केंद्र सरकार को भी सोचना चाहिए और पूरे देश में जातीय गणना कराना चाहिए.

जातीय गणना पर अब तक क्या हुआ?

  • 7 जनवरी से जातीय गणना हुई शुरू.
  • 15 अप्रैल से दूसरे चरण की हुई शुरुआत.
  • 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला.
  • 27 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने को कहा.
  • 4 मई को जातीय गणना पर लगाई रोक.

HIGHLIGHTS

  • जातीय गणना पर हाईकोर्ट का फैसला
  • राज्य सरकार को पटना हाईकोर्ट से राहत मिली
  • जातीय गणना के खिलाफ सभी याचिका खारिज
  • चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनाया फैसला

Source : News State Bihar Jharkhand

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