बिहार में अब पशुपालकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए सरकार दुधारू पशुओं के बीमा कराने की तैयारी कर रही है. इस योजना की शुरुआत इसी महीने होने के आसार हैं. पशुपालन विभाग के एक अधिकारी कहना है कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं की आकस्मिक मौत होने पर पशुपालकों को होने वाली आर्थिक क्षति से बचाना है. राज्य में इस योजना को बिहार लाइव स्टॉक डेवलपमेंट एजेंसी के माध्यम से लागू किया जाना है.
बिहार के पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि बिहार में पशुपालक ऐसे भी आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं. ऐसे में अगर दुधारू पशुओं की आकस्मिक मौत हो जाती है तो उन्हें बड़ा नुकसान होता है. ऐसे में बीमा योजना से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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एक अधिकारी ने कहा कि नेशनल लाइव स्टाक मिशन के 'रिस्क मैनेजमेनट कंपोनेंट के तहत सभी जिलों में यह बीमा योजना चलाई जाएगी. बीमा की वार्षिक दर पशुओं के न्यूनतम मूल्य का अधिकतम तीन प्रतिशत होगी. सामान्य वर्ग (एपीएल) के लाभुकों को बीमा प्रीमियम की राशि का 50 प्रतिशत भाग स्वयं वहन करना होगा, जबकि बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों) श्रेणी के लोगों को मात्र 30 प्रतिशत ही राशि देनी होगी.
बीमित पशुओं की पहचान के लिए उनके कान में ईयर टैग लगाया जाएगा. इसमें माइक्रो चिप लगा होगा, जिसमें पशु से संबंधित पूरा ब्योरा होगा. सरकार का मानना है कि आज अधिक दूध देने वाले पशुओं की कीमत अधिक होती है. आमतौर मामूली या किसी संक्रामक बीमारी से इनकी मौत होने के बाद पशु पालकों को भारी नुकसान होता है. सरकार इसी को देखते हुए अब दुधारू पशुओं को बीमा कराने का निर्णय लिया है. उल्लेखनीय है कि पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने पिछले वर्ष ही इस योजना की रूपरेखा तैयार कर ली थी.
Source : आईएएनएस