बिहार में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सेंड्रोम (AES) की चपेट में आने से अब तक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसके चलते आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया. इस दौरान लोगों ने नीतीश कुमार के खिलाफ वापस जाओ के नारे लगाए. इसके बाद बिहार के चीफ सेक्रेटरी दीपक कुमार ने सीएम के दौरे के बारे में बताया है.
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बिहार के चीफ सेक्रेटरी दीपक कुमार ने कहा, एसकेएमसीएच अस्पताल के हर बेड पर जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानकारी ली. अस्पताल में उचित इलाज किया जा रहा है. इलाज से सरकार संतुष्ट है. चिकित्सक की कमी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद पीएमसीएच और डीएमसीएच (DMCH) अस्पताल से चिकित्सक भेजे जा रहे हैं. आशा कार्यकर्ता और एएनएम को प्रभावित इलाकों में बच्चों को ओआरएस (ORS) घोल पिलाने का आदेश दिया गया है, ताकि आगे बच्चे बीमार न पड़े. अस्पताल में जितने अभिभावक से पूछा गया कि किसी ने भी कोई कमी के बारे में नहीं बताया. अवेयरनेस की कमी नहीं थी.
Bihar Chief Secy Deepak Kumar on deaths due to AES: The CM also gave directions that there is no dearth of doctors and all of them are carrying out their duties but to supplement them, some doctors be brought from outside. Some doctors from DMCH & PMCH are being sent there today. pic.twitter.com/mNvNASOMYS
— ANI (@ANI) June 18, 2019
दीपक कुमार (Deepak Kumar) ने बताया कि सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है और वे सभी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कुछ डॉक्टरों को बाहर से लाया जाना चाहिए. चमकी बुखार को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. बच्चों को खाली पेट नहीं सोना चाहिए. अगर वे बीमार पड़ते हैं तो उन्हें तुरंत अस्पताल लाया जाना चाहिए.
Bihar Chief Secy Deepak Kr: CM gave few directions. He said main reason of deaths is that patients reach hospitals late. It's been reiterated that patients won't have to bear any expense in coming to hospitals. Their fare will be reimbursed, they'll be given Rs 400 at flat rate. pic.twitter.com/399rBTLNgJ
— ANI (@ANI) June 18, 2019
बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार (Bihar Chief Secy Deepak Kumar) ने आगे कहा, यह निर्णय लिया गया है कि एसकेएमसीएच (SKMCH) अस्पताल में 2500 बेड की सुविधा बढ़ाई जाएगी. अभी इस अस्पताल में सिर्फ 610 बेड की सुविधा है. अगले 1 साल में इसे 1500 बेड और 2500 बाद में लिया जाएगा. 100 बेड वाला आईसीयू बनाया जाएगा, जिसमें 50 बेड होंगे. रिश्तेदारों और परिवारों के लिए 'धर्मशाला' का निर्माण किया जाएगा.
Bihar Chief Secy: Awareness is being created that children shouldn't sleep on an empty stomach & be immediately brought to hospital if they fall sick. We've given directions that all ASHA workers, ANMs, Anganwadi workers distribute ORS in all households & tell them its importance https://t.co/xtRnxeaLqs
— ANI (@ANI) June 18, 2019
दीपक कुमार ने आगे कहा, सीएम ने अस्पताल प्रशासन को कुछ निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि मौतों का मुख्य कारण यह है कि मरीज देर से अस्पतालों में पहुंचते हैं. यह दोहराया गया है कि मरीजों को अस्पतालों में आने के लिए कोई खर्च नहीं उठाना पड़ेगा. उनका किराया प्रतिपूर्ति किया जाएगा. उन्हें फ्लैट दर पर 400 रुपये दिए जाएंगे।
Bihar Chief Secy on AES: It's been decided that a team will visit all houses, where children have been affected, to know their socio-economic & environmental background. Team will assess their condition, poverty, sanitation & see if there was an environmental factor behind it. pic.twitter.com/JKxOjwIRK9
— ANI (@ANI) June 18, 2019
बता दें कि चमकी बुखार से पीड़ित मासूमों की सबसे ज्यादा मौतें प्रदेश के मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में हुई हैं. वहीं चमकी बुखार की आंच अब मोतिहारी तक पहुंच गई है, जहां एक बच्ची बुखार से पीड़ित है. बिहार के गया में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में लू के कारण मरने वालों की संख्या 35 पहुंच चुकी है. इनमें से 28 की इलाज के दौरान मौत हो गई तो सात को मृत हालात में ही लाया गया था. वहीं 106 मरीजों का फिलहाल इलाज चल रहा है.