बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को 'प्रकाश पर्व' की तैयारियों का जायजा लिया। दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिन्द सिंह के 350वें जन्मदिन समारोहों के लिए अब एक पखवाड़े से भी कम समय शेष रह गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से प्रकाशोत्सव के बचे कामों को एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया।
पटना के जिला अधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, 'नीतीश कुमार ने उत्सव से जुड़े मुख्य गुरुद्वारा तख्त हरमंदिर साहिब समेत कार्यक्रम स्थलों का दौरा किया और व्यक्त्गित रूप से तैयारियों का निरीक्षण किया।'
अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बड़े समारोह की तैयरियों की निगरानी का दायित्व शीर्ष अधिकारियों को सौंपा है और 25 दिसम्बर तक काम पूरा कर लेने को कहा है। नीतीश कुमार ने तख्त हरमंदिर साहिब में मत्था टेका और उसकी प्रबंधक कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने सदस्यों को आश्वस्त किया कि दिसम्बर के अंत तक हर चीज हो जाएगी।
जिले के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नीतीश कुमार ने कंगन घाट, लीला गुरुद्वारा, पटना साहिब स्टेशन, पटना घाट रेलवे स्टेशन का दौरा किया और वहां चल रहे कार्यो का निरीक्षण किया। राज्य सरकार द्वारा यहां गांधी मैदान (62 एकड़), कं गन घाट (12 एकड़ क्षेत्र)और मलाईचक बाई पास (65 एकड़ ) इलाके में तीन टेंट शहर बनाए जा रहे हैं।
जिले के अधिकारियों के अनुमान के मुताबिक, इन टेंट शहरों में पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। गुरु गोविंद सिंह का जन्मदिन समारोह दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में शुरू होगा और इसका समापन 7 जनवरी 2017 को होगा।
मुख्य समारोह 5 जनवरी को होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल देश तथा विदेश की अनेक सिख हस्तियों के साथ शिरकत करेंगे। सिखों के दसवें गुरु के जन्म स्थान तख्त हरमंदिर साहिब में प्रकाश उत्सव के दौरान बिहार सरकार ने पहले तीन दिनों की छुट्टी की घोषणा की हुई है। गुरुद्वारा परिसर में प्रबंधन कमेटी भी बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य करा रही है।
पटना साहिब के रूप में मशहूर तख्त हरमंदिर साहिब पटना से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसका निर्माण 1950 के दशक में महाराजा रंजीत सिंह द्वारा निर्मित ढांचे के अवशेष पर किया गया था।
गुरु गोबिंद सिंह का जन्म सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेगबहादुर और माता गुजरी के घर साल 1666 में हुआ था। उन्हें नौ साल की उम्र में औपचारिक रूप से सिखों का नेता बनाया गया। वह सिखों के दसवें व अंतिम गुरु हैं।
Source : IANS