बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) ने 30 अक्टूबर को होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा उपचुनावों से पहले रविवार को मुस्लिम समुदाय को लुभाने की कोशिश की गई, क्योंकि तारापुर और कुशेश्वर स्थान दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने यहां सलीम परवेज के पार्टी में शामिल पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'नीतीश कुमार के सत्ता में रहने तक कोई भी मुस्लिम समुदाय पर सवाल उठाने की हिम्मत नहीं करेगा. आजादी के बाद मुस्लिम समुदाय के लिए जो भी विकास कार्य हुए हैं, उनमें नीतीश कुमार का योगदान सबसे अधिक है. यही कारण है कि देश में नीतीश कुमार की लोकप्रियता बढ़ी है.'
परवेज, राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व राजद सांसद, दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के करीबी सहयोगी हैं. ललन सिंह ने कहा, 'ईद-अल-जुहा, ईद-उल-फितर, या मुहर्रम जैसे हर मुस्लिम त्योहार के दौरान, नीतीश कुमार टेलीफोन के पास बैठते थे और व्यक्तिगत रूप से जिले के अधिकारियों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश देते थे, ताकि कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा न कर सके.'
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में मदरसे पहले की सरकारों में बदहाली की स्थिति में थे और यहां तक कि शिक्षकों को भी वेतन नहीं मिल रहा था. उन्होंने कहा कि अब न केवल शिक्षकों को समय पर भुगतान मिलने से स्थिति बदल गई है, बल्कि बुनियादी ढांचे को भी बढ़ाया गया है. मतदान में केवल 13 दिन शेष हैं, जद-यू के साथ-साथ राजद और कांग्रेस भी मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उधर राजद के तेजस्वी यादव ने 10 से ज्यादा शीर्ष नेताओं के साथ रविवार को तारापुर से प्रचार शुरू किया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा कुशेश्वर स्थान में घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- तारापुर और कुशेश्वर में मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या
- नीतीश की सत्ता में मुस्लिमों पर कोई नहीं साध सकता निशाना