प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के मंत्रिपरिषद में जनता दल यूनाइटेड के किसी सांसद के मंत्री न बनने को लेकर नीतीश कुमार भले ही सफाई दें, लेकिन पार्टी की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी हैं. जनता दल यूनाइटेड के नेता ने न्यूज नेशन के संवाददाता रजनीश सिन्हा से बातचीत में कहा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे को नकारना नामुमकिन है.
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बिहार में NDA की जीत में नीतीश कुमार का बड़ा रोल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी असर था पर नीतीश कुमार का चेहरा सबसे ज्यादा स्वीकृत था. दूसरी ओर, पार्टी महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि नीतीश कुमार ने सिंबॉलिक रिप्रेजेंटेशन के लिए असहमति जताई थी. सिंबॉलिक रिप्रेजेंटेशन जदयू को स्वीकार नहीं है.
हम इसके लिए तैयार नहीं थे. अमित शाह का 30 तारीख को फोन आया था, लेकिन यह संभव नहीं था कि हम एक व्यक्ति को जगह दे दें. ऐसा कर हम न्याय नहीं कर सकते थे. हमने बगैर नाराजगी के उनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया. बता दें कि नीतीश कुमार पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इसके बारे में जो बातचीत हुई थी, सांकेतिक नहीं भागेदारी proportional representation होना चाहिए था. इसके पहले भी केन्द्र और बिहार में सरकार रही है और उसमें proportional representation था. पार्टी के लोगों को लगा की सांकेतिक भागेदारी का फायदा नहीं ,कोई इच्छा नहीं, कोई आवश्यकता ही नहीं है. हमलोग साथ हैं,हमने कह दिया है.
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बता दें कि शपथ ग्रहण से कुछ समय पहले ही नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) ने करारा झटका दिया था. जेडीयू ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनके सांसद मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे. खबरों के मुताबिक, पहले जेडीयू के दो मंत्री पद दिया जा रहा था लेकिन अब उन्हें एक सीट देने की बात सामने आ रही है. इसी बात से नाराज होकर जेडीयू ने मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना करा दिया है. उन्होंने कहा वो एनडीए से तो जुड़े रहेंगे लेकिन सरकार में शामिल नहीं होंगे.
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नीतीश कुमार ने इस बारे में कहा था, 'वो मंत्रिमंडल में जेडीयू के केवल एक मंत्री चाहते थे , इसलिए यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक भागीदारी थी. हमने उन्हें सूचित किया कि हमें मंत्री पद की जरूरत नहीं है. यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, हम पूरी तरह से एनडीए में हैं और परेशान नहीं हैं. हम एक साथ काम कर रहे हैं, कोई भ्रम नहीं है.'
Source : News Nation Bureau