बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि उन्होंने बच्चों को पोर्न साइट पर नहीं जाने देने के संबंध में प्रशिक्षण देने और अश्लील सामग्री वाली साइटों पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है. राज्यपाल फागू चौहान के 24 फरवरी को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अभिभाषण पर बिहार विधानसभा में चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए नीतीश ने उन्नयन कार्यक्रम जिक्र करते हुए यह बात कही.
उन्होंने कहा कि हमने सुझाव दिया है कि पोर्न साइटों को न देखने और उन पर न जाने को लेकर बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाए . इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न पोर्न साइट एवं अनुचित सामग्री पर प्रतिबंध लगाने को लेकर पिछले वर्ष दिसंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि प्रतिबंध लगाए जाने की बात हम लगातर कह रहे हैं . पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को प्रधानमंत्री को भेजे गये पत्र में नीतीश ने लिखा था कि पिछले कुछ समय से देश के विभिन्न राज्यों में महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म एवं बाद में उनकी हत्या की घटनाओं से पूरे देश का जनमानस उद्वेलित हुआ है.
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि इंटरनेट पर लोगों की असीमित पहुँच के कारण बड़ी संख्या में बच्चे एवं युवा अश्लील, हिंसक एवं अनुचित सामग्री देख रहे हैं जो अवांछनीय है. इसके प्रभाव के कारण भी कुछ मामलों में ऐसी घटनाएँ घटित होती हैं. उन्होंने लिखा था कि कई मामलों में दुष्कर्म की घटनाओं के वीडियो बना कर उन्हें सोशल मीडिया यथा - व्हाट्सएप, फेसबुक आदि पर प्रसारित कर दिया जा रहा हैं.
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बच्चों एवं कम उम्र के कुछ युवाओं के मस्तिष्क को इस तरह की सामग्री गंभीर रूप से प्रभावित करती है. उन्होंने लिखा कि यद्यपि इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में प्रावधान किये गये हैं, परन्तु वे प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं. नीतीश ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था कि इस गंभीर विषय पर तत्काल विचार करते हुये इंटरनेट पर उपलब्ध ऐसी पोर्न साइट तथा अनुचित सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए शीघ्र समुचित कार्रवाई की जाये.
Source : Bhasha