Bihar Politics News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पूर्णिया का संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण दौरा किया, जो जिले के विकास की दिशा में नए अवसरों के द्वार खोलता हुआ प्रतीत हो रहा है. अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री ने पूर्णिया सैन्य हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कई अहम परियोजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए.
हवाई उड़ान के लिए बाधाओं का समाधान
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया से हवाई उड़ान की शुरुआत में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए एक समीक्षात्मक बैठक की. इस बैठक में उन्होंने हवाई सेवाओं की शुरुआत में देरी के कारणों को गहराई से समझा और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन बाधाओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करें. उनकी इस गंभीरता से उम्मीद जताई जा रही है कि पूर्णिया से जल्द ही हवाई उड़ानें शुरू हो सकती हैं, जो सीमांचल क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगी.
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काझा कोठी को दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित करने की योजना
वहीं इसके बाद मुख्यमंत्री काझा कोठी तालाब परिसर पहुंचे, जो एक ऐतिहासिक स्थल है. यहां पर नीतीश कुमार ने काझा कोठी को दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित करने की योजना का जायजा लिया. इस परियोजना का उद्देश्य इस ऐतिहासिक स्थल को सीमांचल का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाना है. मुख्यमंत्री का यह दौरा इस बात का संकेत है कि इस योजना को जल्द ही हकीकत में बदला जा सकता है, जिससे न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि क्षेत्र के पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी.
विधि विज्ञान प्रयोगशाला और स्टार्टअप इंडिया का निरीक्षण
साथ ही आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिमोट के जरिए चार धाना भवनों और पूर्णिया पुलिस लाइन में बने विधि विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन किया. विधि विज्ञान प्रयोगशाला का उद्घाटन स्थानीय कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने स्टार्टअप इंडिया के प्रोत्साहन के लिए लगाए गए स्टालों का भी निरीक्षण किया. इससे यह स्पष्ट है कि बिहार सरकार नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें.
पूर्णिया दौरे की बड़ी सौगातें
इसके अलावा आपको बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह दौरा भले ही संक्षिप्त रहा हो, लेकिन पूर्णिया और सीमांचल क्षेत्र के लिए यह उम्मीदों से भरा हुआ था. हवाई उड़ान की शुरुआत में आ रही बाधाओं के समाधान के लिए उठाए गए कदम और काझा कोठी को दिल्ली हाट की तर्ज पर विकसित करने की योजना ने क्षेत्र के विकास को लेकर नई उम्मीदें जगाई हैं.