पुलिस के हत्थे चढ़ा भोजपुर के टॉप टेन अपराधियों में शामिल बालू माफिया अंकित पांडेय महज साल भर में ही कुख्यात बन बैठा था. उसकी कोईलवर इलाके में भय और वर्चस्व कायम है. पिछले साल जनवरी से दिसंबर के बीच ताबड़तोड़ दस वारदात को अंजाम देकर वह पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बन गया था. उसकी गिरफ्तारी पुलिस की चुनौती थी. ऐसे में उसका पकड़ा जाना बड़ी सफलता मानी जा रही है. कोईलवर थाना क्षेत्र के पचरूखिया कला गांव निवासी अंकित पांडेय ने अपने पिता सत्येंद्र पांडेय के जेल जाने के बाद 2021 में गिरोह की कमान संभाली और देखते ही देखते वह जिले का मोस्ट वांटेड बन गया. कोईलवर में बालू घाट पर दोहरे हत्याकांड में नाम आने के बाद वह पुलिस की टॉप टेन अपराधियों की सूची में शामिल हो गया था.
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पिता के जेल जाने के बाद संभाली कमान
एसपी प्रमोद कुमार द्वारा शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में उसकी गिरफ्तारी की जानकारी दी गयी. उन्होंने बताया कि अंकित पांडेय जिले के टॉप टेन अपराधियों में शामिल था. उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और अवैध बालू खनन सहित दस से अधिक मामले दर्ज हैं. उसकी गिरफ्तारी के लिए एएसपी हिमांशु के नेतृत्व में टीम काफी दिन से लगी थी. दूसरे राज्यों में भी दबिश दी गयी थी. उस बीच इनपुट के आधार पर शुक्रवार को उसे पटना से गिरफ्तार कर लिया गया. एसपी ने बताया कि टॉप टेन में शामिल तीन अपराधियों को पूर्व में गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा चुका है. अन्य अपराधियों की धरपकड़ को लेकर छापेमारी की जा रही है. छापेमारी में कोईलवर थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार और डीआईयू के अफसर व जवान शामिल थे.
इस तरह अंकित बना मोस्ट वांटेड अपराधी
अंकित पांडेय के पिता सत्येंद्र पांडेय भी भोजपुर का बड़ा बालू माफिया है. वह अपना गिरोह संचालित करता है. बालू घाट पर वर्चस्व को लेकर उसकी विदेशी राय गिरोह से अदावत चलती है. उस सिलसिले में कई बार दोनों गिरोह के बीच खूनी संघर्ष भी हो चुकी है. पिछले साल कोईलवर के कमालुचक घाट पर दोहरा हत्याकांड उसी की देन है. उसे अगस्त 2021 में नवादा थाना क्षेत्र के गिरिजा मोड़ के पास दो किलो गांजा के साथ पकड़ा गया था. उसके जेल जाने के बाद अंकित पांडेय ने गिरोह की कमान संभाल ली है और ताबड़तोड़ आपराधिक वारदात को अंजाम देने लगा.
2021 में लड़की का अपहरण करने का पहला मामला हुआ दर्ज
अंकित पांडेय पर पहला केस सितंबर, 2021 में लड़की के अपहरण का दर्ज हुआ था. दूसरा केस दोहरा हत्याकांड का था. उसके बाद हर माह कोईलवर थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज होता रहा. जनवरी से दिसंबर के बीच हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और अवैध बालू खनन के दस केस दर्ज हो गये. पिछले साल उसके घर से काफी नगदी भी बरामद की गयी थी. उसके अन्य भाइयों पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसमें दो पूर्व में जेल भी जा चुके हैं.
वर्चस्व को लेकर अंकित पांडेय की लड़ाई
वर्चस्व को लेकर गोलीबारी के एक मामले में कुख्यात अंकित पांडेय के चाचा को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह कोईलवर थाने के पचरूखिया कला गांव निवासी उमेश्वर पांडेय हैं. वह जेल में बंद सत्येंद्र पांडेय के भाई हैं. एसपी प्रमोद कुमार की ओर से यह जानकारी दी गयी. उन्होंने बताया कि फरवरी 2021 में वर्चस्व को लेकर महादेवच सेमरिया में दो गुटों में गोलीबारी हुई थी. उसमें एक बच्ची को गोली लगी थी, उसे लेकर पुलिस द्वारा नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उसमें उमेश्वर पांडेय भी नामजद था. वह घटना के बाद से ही फरार चल रहा था. शुक्रवार रात लोकल इनपुट के आधार पर थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार के नेतृत्व में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इधर, अवैध खनन और परिवहन को लेकर जारी अभियान में चारों ट्रक और तीन ट्रैक्टर जब्त किया गया है. चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. चार केस भी दर्ज किया गया है.
HIGHLIGHTS
- पिता के जेल जाने के बाद संभाली कमान
- आम लड़का बन गया मोस्ट वांटेड अपराधी
- वर्चस्व को लेकर अंकित पांडेय की लड़ाई
Source : News State Bihar Jharkhand