उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे को बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने चैलेंज देते हुए कहा है कि हिम्मत है तो बिहार में घुसकर दिखाएं. डीजीपी ने कहा कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती.
बिहार डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया पर मैंने एक पोस्ट दिखा जिसमें विकास दुबे को एक जाति विशेष का हीरो बना कर दिखाया गया, ऐसे लोगों पर मुझे गुस्सा आता है. विकास दुबे ने कई ऐसे लोगों की हत्या की जो कि उसी की जाति के थे. डीजीपी ने आगे कहा कि यदि विकास दुबे बिहार की सीमा में घुस आया तब उसे अच्छी तरह पता चलेगा कि बिहार पुलिस और यहां की एसटीएफ क्या होती है.
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जानिए कौन है यूपी का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे
कानपुर में गुरुवार देर रात घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने का मुख्य आरोपी है कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे. कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड का मुख्य आरोपी है. इसके अलावा, वर्ष 2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या में भी विकास का नाम आया था. इसके अलावा कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र में ही वर्ष 2000 में रामबाबू यादव की हत्या के मामले में विकास की जेल के भीतर रहकर साजिश रचने का आरोप है. वर्ष 2004 में केबिल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास आरोपी है. विकास दुबे के ऊपर 60 से से ज्यादा मामले दर्ज हैं जो डीटू गैंग के सरगना मोनू पहाड़ी से भी ज्यादा हैं.
हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई थी पुलिस
जानकारी के मुताबिक पुलिस विकास दुबे नाम के एक हिस्ट्रीशटर को पकड़ने के लिए दबिश देने पहुंची थी. इसी बीच घात लगाए बैठे बदमाशों ने पुलिस ने हमला कर दिया. हमले में
सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, 2 एसआई और चार कांस्टेबल शहीद हो गए. हमलावर बदमाशों की पकड़ के लिए पूरे शहर में जबरदस्त कॉम्बिंग और चेकिंग अभियान जारी है. कई जिलों से फोर्स को बुला लिया गया है.
विकास दुबे पर दर्ज हैं 60 से अधिक मुकदमे
जानकारी के मुताबिक विकास दुबे एक शातिर अपराधी और कानपूर का हिस्ट्रीशीटर भी हैं. इसके ऊपर 60 मुकदमे दर्ज हैं. कानपुर के राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने 307 का एक मुकदमा इसके ऊपर दर्ज कराया है. इस पर दबिश डालने के लिए बिकरु गांव में पुलिस दबिश के लिए गई थी. पुलिस को रोकने के लिए इन्होंने पहले से ही जेसीबी लगाकर के रास्ता रोक रखा था. पुलिस टीम के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें पुलिस के 8 लोग शहीद हो गए थे.
Source : News Nation Bureau