बिहार के भोजपुर जिले के सैकड़ों स्कूलों के 38,161 छात्रों और अर्धवार्षिक परीक्षा से गायब 26,000 छात्रों का नामांकन शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया है. वहीं, जिन छात्रों का नामांकन रद्द किया गया है, वे सभी छात्र पिछले चार दिनों से लेकर 15 दिनों या उससे भी अधिक समय से बिना कोई कारण बताये स्कूलों से गायब थे. दूसरी तरफ, अर्धवार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले 26,000 विद्यार्थियों का नाम भी काट दिया गया है. बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा ऐसे अनुपस्थित बच्चों का नामांकन रद्द करने के दिये गये आदेश के बाद जिले में यह कार्रवाई शुरू की गयी है.
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11 अक्टूबर तक चली जांच
आपको बता दें कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक का पत्र आते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी स्कूलों के हेडमास्टरों और प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को ऐसे छात्रों की जांच करने का निर्देश दिया है. वहीं 11 अक्टूबर तक की गई जांच में 38,161 छात्र ऐसे सामने आए जो लंबे समय से स्कूलों से गायब थे. साथ ही इन सभी लोगों का नामांकन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है और सभी प्रकार की सुविधाओं पर रोक लगा दी गयी है. वहीं इन सभी पर भविष्य में किसी भी प्रकार का लाभ लेने या किसी भी प्रकार की परीक्षा में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस बीच, जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन ने बताया कि, स्कूल से गायब और अर्धवार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित करीब 64 हजार छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया गया है.
आपको बता दें कि भोजपुर जिले में हाल ही में आयोजित अर्धवार्षिक परीक्षा के दौरान 26 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं गायब थे, उन सभी का नामांकन शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया है. जिले के प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय और प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित परीक्षा में 26 हजार से अधिक विद्यार्थी शामिल नहीं हुए थे. जांच में मामला सही पाए जाने पर सभी का नाम स्कूल से हटा दिया गया है.
अब इस प्रक्रिया से बच्चों के जोड़े जाएंगे नाम
इसके साथ ही आपको बता दें कि जो बच्चे नियमित रूप से स्कूलों या परीक्षाओं में अनुपस्थित रहते हैं, जिनका नाम स्कूलों से काट दिया गया है, उन्हें स्कूल लौटने का मौका मिल सकता है. हालांकि, अब बच्चों के माता-पिता को शपथ पत्र देने के बाद ही नाम जोड़ा जाएगा. शपथ पत्र में अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बच्चे नियमित रूप से स्कूल आयेंगे, अन्यथा इस बार नाम कटने के बाद दोबारा नहीं जोड़ा जाएगा.
वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी अहसन ने बताया कि, नोटरी के माध्यम से शपथ पत्र देना होगा, तभी ऐसे बच्चों को स्कूलों में प्रवेश मिलेगा. साथ ही आगे बताया कि, जिन बच्चों के नाम काटे जा रहे हैं, उनमें से अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं आते हैं, या स्कूलों में दाखिला लेते हैं और किसी निजी स्कूल, कॉलेज या किसी बड़े शहर में पढ़ते हैं, जहां वे सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली योजनाओं का लाभ उठाते हैं.
HIGHLIGHTS
- आरा में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई
- 65 हजार स्कूली छात्रों का नामांकन किया रद्द
- अब स्टूडेंट्स को करना होगा ये काम
Source : News State Bihar Jharkhand