Bihar Education Department post: बिहार में गर्मी के प्रकोप को देखते हुए शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव केके पाठक ने सरकारी स्कूलों का समय सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक निर्धारित कर दिया है. हालांकि, इस नई समय सारिणी ने एक विवाद को जन्म दे दिया है क्योंकि शिक्षकों का कहना है कि, यह समय उनके लिए अनुकूल नहीं है और उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई है.कई राजनीतिक नेताओं ने भी शिक्षकों के पक्ष में सरकार से जवाब मांगा है.
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शिक्षकों के समर्थन में एमएलसी
आपको बता दें कि बिहार विधान परिषद के पांच एमएलसी ने शिक्षकों का समर्थन करते हुए शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों के समय में बदलाव की मांग की थी. उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूल का समय सुबह 6:30 बजे से 11:30 बजे तक किया जाना चाहिए ताकि शिक्षकों को स्कूल आने में असुविधा न हो. शिक्षकों का कहना है कि सुबह 6 बजे स्कूल पहुंचना उनके लिए एक चुनौती हो सकता है, खासकर उन शिक्षकों के लिए जो दूरदराज के इलाकों से आते हैं.
आपको बता दें कि इसको लेकर शिक्षा विभाग ने पोस्ट कर लिखा है कि, "निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत प्रतिदिन शिक्षकों के लिए कार्य अवधि 7.5 घंटे. (इसमें पठन-पाठन की तैयारी की अवधि निहित हैं).''
निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत प्रति दिन शिक्षकों के लिए कार्य अवधि :- 7.5 घंटे। (इसमें पठन-पाठन की तैयारी की अवधि निहित हैं )#BiharEducationDept pic.twitter.com/EjTPDXeiaf
— Education Department, Bihar (@BiharEducation_) May 17, 2024
शिक्षा विभाग का कड़ा रुख
वहीं इस विवाद पर शिक्षा विभाग ने शुक्रवार 17 मई को एक पोस्ट के जरिए प्रतिक्रिया दी. विभाग ने साफ किया कि शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के तहत स्कूल में काम करने की अवधि 7.5 घंटे तय है. विभाग के इस जवाब से साफ है कि मुख्य अपर सचिव केके पाठक अपने फैसले पर कायम हैं और टाइम टेबल में कोई बदलाव करने के मूड में नहीं हैं.
सरकारी स्कूल के समय पर सरकार की स्थिति
हालांकि सरकार के सहयोगी दलों के नेताओं ने भी सरकारी स्कूल की इस टाइमिंग को गलत माना है और केके पाठक को आलोचना का निशाना बनाया है, वहीं विपक्ष ने भी इस मामले पर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. वहीं विपक्षी नेताओं का कहना है कि, ''यह समय सारिणी शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए असुविधाजनक है और इसे बदलना चाहिए.''
आगे की संभावनाएं
इसके साथ ही आपको बता दें कि शिक्षा विभाग के इस सख्त रुख के बाद देखने वाली बात यह होगी कि, शिक्षक और उनके समर्थन में खड़े नेता किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं. क्या वे इस निर्णय के खिलाफ और जोर-शोर से आवाज उठाएंगे या फिर कोई और रास्ता निकाला जाएगा? इस विवाद को सुलझाने के लिए सरकार को शिक्षकों और नेताओं के साथ समझौता करना होगा, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े.
HIGHLIGHTS
- नहीं बदलेगी स्कूल टाइमिंग
- स्कूल समय में बदलाव पर विवाद
- शिक्षा विभाग और शिक्षकों के बीच तनाव
Source : News State Bihar Jharkhand