बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने रामचरित मानस को नफरती बताने वाले बयान पर माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया. माफी मांगने वाले सवाल पर शिक्षा मंत्री ने एक और विवादित बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, मेंने कुछ गलत नहीं कहा है और मांफी उन लोगों को मांगनी चाहिए जिन्होंने लोगों पर अत्याचार किये. दरअसल मंत्री ने रामचरित मानस को समाज को बांटने वाला और नफरत फैलाने वाला बताया था. शिक्षा मंत्री के इस भड़काऊ बयान पर बीजेपी ने इस्तीफा देने और माफी मांगने की बात की थी.
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शिक्षा मंत्री के इस बयान पर सभी पार्टियों ने इसकी निंदा की थी वही बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार शिक्षा को बर्खास्त करने की मांग की. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने शिक्षा मंत्री को अज्ञानी कहा और सीएम पर निशाना साधते हुए धृतराष्ट्र बताया था. उन्होंने कहा की यह हिंदुओं की आस्था का अपमान करार दिया था. वही बीजेपी नेता शहजाद पुनावाला ने ट्वीट कर निशाना साधते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री रामचरित मानस को नफरत करने वाला बता रहे हे वही जगदानंद सिंह रामजन्म भूमि को नफरत की जमीन बोल रहे है ये सिर्फ वोट बैंक के लिए किया जा रहा है. शिक्षा मंत्री के बयान पर कवि कुमार विश्वास ने भी प्रतिक्रिया दी हैं उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जी आपके शिक्षा मंत्री में शिक्षा की कमी है उन्हें जानकारी दे.
शिक्षा मंत्री के बयान पर अयोध्या के महंत परमहंस आचार्य ने कड़ी आपत्ति जतायी. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री के पद से हटा देना चाहिए. रामचरित मानस लोगों की आस्था का प्रतीक है. उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि जो कई भी उनकी जीभ काट कर लाएगा उसे 10 करोड़ का इनाम दिया जायेगा. दरअसल मंत्री चंद्रशेखर नालंदा ओपन युनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह के दौरान एक चौपाई कहते हुए कहा कि रामचरित मानस सभी हरिजनों को शिक्षा हासिल नहीं करने कहती है और यह समाज में नफरत फैलाता हैं.
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने जवाहर नेशनल युनिवर्सिटी से पढ़ाई की है वही दो बार सीपीआई के स्टुडेंट युनियन की ओर से अध्यक्ष भी रहे हैं. शिक्षा मंत्री सिवान जिले से हैं और राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के कोटे से मंत्री हैं.
Source : News Nation Bureau