प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने 12 साझा रैलियां तय की हैं. भाजपा ने कुल 243 विधानसभा क्षेत्र को लक्ष्य बनाकर 20 सीट पर एक रैली का खाका तैयार किया है. पार्टी के रणनीतिकार राजग उम्मीदवारों की एक-एक सीट पर जीत तय करने के लिए दोनों दिग्गज नेताओं का कार्यक्रम तय करने में जुटे हैं. हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि रैली कहां-कहां होगी और कब होगी.
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बिहार में बीजेपी द्वारा फिलहाल तैयार कार्यक्रम के अनुसार, 20 अक्टूबर के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियां शुरू हो जाएंगी. इसके बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तीन हफ्ते में 12 चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री की रैलियों से संबंधित कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव, चुनाव प्रभारी व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को जुटे रहे. 2015 के विधानसभा चुनाव की तर्ज पर एक बार फिर सबसे बड़े ब्रांड मोदी से सर्वाधिक रैलियां करवाने की तैयारी है.
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी संबंधित पार्टी के स्टार प्रचारकों के तौर पर दिए गए हैं. अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी (एसीईओ) संजय कुमार सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग ने मान्यता प्राप्त पार्टियों के लिए कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर प्रचारकों की अधिकतम संख्या घटाकर 30 कर दी है, वहीं गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों के लिए प्रचारकों की संख्या 20 से अधिक नहीं होगी.
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मोदी और शाह बीजेपी के चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे, वहीं नीतीश कुमार जदयू के प्रमुख प्रचारक नेता होंगे. बिहार में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचारकों के तौर पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और उद्धव ठाकरे के नाम भी दिए गए हैं. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जांच को लेकर महाराष्ट्र और बिहार की सरकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की पृष्ठभूमि में चुनाव में पवार, ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे की मौजूदगी से प्रचार अभियान दिलचस्प हो सकता है.