बिहार में एक बार फिर से एनडीए (NDA) की सरकार बनने जा रही है. महागठबंधन के मंसूबों को पानी फेरते हुए नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार की कमान संभालेंगे. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के इस जीत के पीछे महिलाओं की सेना खड़ी है. वोटिंग के आंकड़े कहते हैं कि नीतीश कुमार को इस बार भी महिलाओं का पूरा समर्थन मिला है. जिसकी वजह से तेजस्वी का खेल बिगड़ गया. तेजस्वी के एमवाई (MY) समीकरण को महिलाओं ने बिगाड़ दिया.
तमाम एग्जिट पोल महागठबंधन की सरकार बनाते हुए दिखाई दिए थे. वो महिलाओं को नजरअंदाज कर दिये. जिन्हें साइलेंट वोटर्स के रूप में माना जाता है. महिलाओं का समर्थन पहले भी नीतीश कुमार को मिला है और इस बार भी वो महागठबंधन को पछाड़ते हुए एनडीए को सत्ता तक पहुंचा दीं.
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बिहार में अब महिलाओं की स्थिति बदलने लगी है. वो अब राजनीति में दिलचस्पी दिखाने लगी है. हालांकि वो अभी भी राजनीति पर खुल कर बहस नहीं करती, लेकिन मन में ही वो अपना प्रतिनिधि चुन लेती है. इसी को देखते हुए जेडीयू ने इस बार 115 सीटों में से 22 सीट पर महिला प्रत्याशी को उतारा. 2015 में पार्टी ने महज 10 महिला प्रत्याशियों का मैदान में उतारा था.
अब तक आए आंकड़ों के मुताबिक एनडीए ने दूसरे और तीसरे चरण में बेहतर प्रदर्शन किया. इन चरणों में महिलाओं ने भी अच्छी संख्या में मतदान किया. दूसरे और तीसरे चरण की ज्यादातर सीटें उत्तरी बिहार में हैं. तीसरे चरण के चुनाव में 65.5 प्रतिशत और दूसरे चरण में 58.8 प्रतिशत महिलाओं ने वोटिंग की. तीसरे चरण में पुरुषों की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा महिलाओं ने वोट किया और दूसरे चरण में यह अंतर 6 प्रतिशत रहा.
वहीं पहले चरण में महिलाओं ने कम वोटिंग की. पहले चरण में महिलाओं ने 54.4 प्रतिशत वोटिंग की. जबकि पुरुषों ने 56.8 प्रतिशत वोटिंग. कुल मिलाकर पुरुष मतदाताओं ने 54.68 फीसदी, जबकि महिला मतदाताओं ने 59.69 फीसदी वोटिंग की.
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इस बार महिलाओं ने नीतीश के पक्ष में ज्यादा वोटिंग करते हुए एनडीए को सत्ता तक पहुंचा दिया. लोकनीति-सीएसडीएस ने इंडिया टुडे के लिए ओपिनियन पोल सर्वे किया था. इस सर्वे में देख गया था कि महिलाएं एनडीए में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रही है. इस ओपिनियन पोल में सामने आया था कि 41 फीसदी महिलाएं एनडीए के पक्ष में हैं, जबकि महागठबंधन को सिर्फ 31 फीसदी महिलाएं महागठबंधन को और 28 फीसदी अन्य का समर्थन कर रही हैं.
नीतीश कुमार पर महिलाएं क्यों भरोसा करती है. इसके पीछे वजह महिला सुरक्षा, पंचायत व नगर निकायों में 50 प्रतिशत महिलाओं के लिए कोटा, जीविका गरीब उन्मूलन कार्यक्रम है. महिलाओं को लगता है कि नीतीश सरकार महिलाओं के लिए कई कदम उठाए है और आगे भी उठाएंगे.
Source : News Nation Bureau