बिहार में महागठबंधन में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर ने 11 जुलाई को पार्टी के कोर समूह की बैठक बुलाई है. उन्होंने अपने ताजा दिए बयान में कहा कि कांग्रेस ने कहा है कि वे (गठबंधन में) 10 जुलाई तक चीजों को सुलझा लेंगे. यह उनके निर्णय पर निर्भर करता है, यदि वे मध्यस्थता करने में सक्षम हैं और हमारी मांग पूरी हुई है, तो ठीक है, अन्यथा हम 11 तारीख को अपने फैसले की घोषणा करेंगे.
बता दें इससे पहले सोमवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने सोमवार को बताया कि महागठबंधन में समन्वय समिति बनाए जाने के लिए उनकी पार्टी द्वारा दी गई समय सीमा की मियाद खत्म हो जाने के बाद यह एक महत्वपूर्ण बैठक है. उन्होंने बताया कि उक्त बैठक में महत्वपूर्ण फैसले लिए जाएंगे.
यह भी पढ़ें- बिहार में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना, अब सीएम आवास में हुआ दाखिल
गौरतलब है कि मांझी आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में एक समन्वय समिति के गठन की मांग लगातार करते रहे हैं और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के कोर समूह की गत 26 जून को आयोजित बैठक में इसके लिए 30 जून तक का समय दिया गया था. इस बीच, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने मांझी द्वारा घोषित 10 जुलाई के नए अल्टीमेटम पर राजद पर आरोप लगाते हुए कहा, महागठबंधन में जीतन राम मांझी से ज्यादा बेइज्जती किसी पार्टी नेता की नहीं हुई.
उन्होंने आरोप लगाया, 'यह सुनकर बहुत दु:ख होता है कि तेजस्वी यादव (राजद नेता) एक युवा हैं और एक बुजुर्ग, सम्मानित एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कभी फोन तक नहीं उठाते हैं. निखिल ने कहा, मांझी जी बिहार के एक पुराने सम्मानित नेता हैं. मांझी जी को अल्टीमेटम की नई तारीख पर स्पष्ट निर्णय लेकर अपना राजनीतिक सम्मान बचाना चाहिए.
Source : News Nation Bureau