बिहार की राजधानी पटना (Patna) से बड़ी और बुरी खबर आ रही है. बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (PMCH) में आग लग गई. आग लगने से मरीजों के बीच हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि आग पीएमसीएच के इमरजेंसी बिल्डिंग (आपातकालीन भवन) के पहली मंजिल पर लगी है. आग लगते ही अस्पताल में मरीजों के बीच अफर-तफरी का माहौल हो गया. डॉक्टर समेत मरीज जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लग गए. आग लगने के कारण का पता चल गया है. भीषण आग लगने से धुंआ का गुबार बन गया. मरीजों के सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें- फीस नहीं भर सकने वाले छात्रों को भी ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने दिया जाए: मनीष सिसोदिया
आग लगने के कारणों की पुष्टि नहीं
आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी. हालांकि इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है. आग लगते ही तत्काल दमकल की गाड़ियों को बुलाया गया. मौके पर फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं. आग बुझाने के लिए कड़ी मशक्कत जारी है. मरीजों को इमरजेंसी से बाहर निकाला जा रहा है. लोगों के बीच दहसत का माहौल है. आग लगने की खबर मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. लोगों से पूछताछ कर रही है. साथ ही स्थिति को नियंत्रित करने का भी प्रयास कर रही है.
यह भी पढ़ें- बिहार में निजी अस्पतालों को खोलने के दिए निर्देश, सामान्य मरीज हैं काफी परेशान
आईसीयू भी क्षतिग्रस्त
कोरोना के दहसत से पहले ही स्वास्थ्य महकमा सकते में है. वहीं इस दोहरी मार से मरीजों समेत डॉक्टरों को और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना के चलते अभी अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. इस बीच आग लगने की खबर मरीजों की उम्मीदों पर पानी फेरना जैसा है. बताया जा रहा है आग लगने से आईसीयू को भी नुकसान पहुंचा है. इस दौरान जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है और आईसीयू क्षतिग्रस्त हो गया है. कैसे ये जंग जीता जाएगा.
यह भी पढ़ें- Corona Lockdown: अब शादी भी हुआ वर्चुअल, लोग ऑनलाइन ले रहे हैं सात फेरे
मरीजों का टूट रहा साहस
इस दौरान अस्पताल लोगों के लिए जीवनदायनी स्थल बना हुआ है. लोगों को यहां से काफी उम्मीदें बनी हुई हैं. लेकिन इस समय इस तरह की घटना घटित होने से लोगों का साहस टूटने जैसा है. वहीं इससे पहले लखनऊ के केजीएमयू में आग लग गई थी. जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. मरीजों को इधर उधर भटकने पर मजबूर होना पड़ा.