बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ से जन-जीवन अस्त-वयस्त है. इसी बीच में प्रदेश के गोपालगंज में गंडक का मुख्य तटबंध गुरुवार देर रात देवापुर में टूट गया. तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी बरौली और मांझा प्रखंड के 12 से अधिक गांवों में घुसने लगा है. वहीं बाढ़ से अबतक 45 गांव पूरी तरह प्रभावित है.उधर नेपाल के वाल्मीकी नगर बराज से छोड़े गए सर्वाधिक साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी के गोपालगंज पहुंचने के बाद गुरुवार को गंडक नदी बेकाबू हो गई.
यह भी पढ़ें- कोविड-19 संकट, जीतने के लिए आशावादी रहना जरूरी : आनंद कुमार
जारी है कोसी का कहर
इसी क्रम में भागलपुर के बिहपुर प्रखंड की हरियो पंचायत के कहारपुर में कोसी के कटाव का कहर देखने को मिला. गुरुवार की सुबह तीन कमरों वाला उत्क्रमित हाइ स्कूल का नया भवन नदी में समा गया. स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक श्यामनंदन सिंह ने बताया कि इसकी जानकारी विभाग के वरीय पदाधिकारी को दी गयी है.
डर से रात को जाग रहे लोग
ग्रामीण सनातन सिंह, राममिलन सिंह, सन्नी सिंह व देवांशु सिंह ने बताया कि यहां के लोग अपने घरों को तोड़कर जरूरी सामान बचाने में जुटे हुए हैं. कटाव के डर से लोग रात में जाग रहे हैं. गांव के एक टोले से नवटोलिया महादलित टोले से संपर्क भंग हो गया है. इन दोनों टोलों के बीच नदी बह रही है. इस टोले में भी बाढ़ का पानी घुस जाने से कई कच्चा मकान गिर गये हैं. बता दें कि कुछ दिन पहले गोविंदपुर में मध्य विद्यालय का भवन भी कटाव की भेंट चढ़ चुका है.
Source : News Nation Bureau