बिहार : बाढ़ से 200 से ज्यादा परिवार ट्रेन की पटरियों पर, कभी भी हो सकता है हादसा

जी हां यहां एक दिन पूर्व आयी प्रलंयकारी बाढ़ ने कइयों के आशियाने उजाड़ दिए तो कइयों का भरम भी निकाल दिया है. शहर के जानकी नगर स्थित कुष्ट कॉलोनी में रहने वाले सैकड़ो परिवार वालो के आंखो पर लगी पट्टी को उतार दिया है.

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yogesh bhadauriya
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बिहार : बाढ़ से 200 से ज्यादा परिवार ट्रेन की पटरियों पर, कभी भी हो सकता है हादसा

पटरियों पर रहने को मजबूर हुए लोग

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सुख के सब साथी, दुख में न कोई ....हिंदी फिल्म के इस गीत को चरितार्थ होते बिहार के सीतामढ़ी जिले मे देखने को मिल रहा है. जी हां यहां एक दिन पूर्व आयी प्रलंयकारी बाढ़ ने कइयों के आशियाने उजाड़ दिए तो कइयों का भरम भी निकाल दिया है. शहर के जानकी नगर स्थित कुष्ट कॉलोनी में रहने वाले सैकड़ो परिवार वालो के आंखो पर लगी पट्टी को उतार दिया है.

बतादें यह वही कॉलोनी है, जिसे सीतामढ़ी के जिलाधिकारी डॉ रणजीत कुमार सिंह ने अपना कॉलोनी और वहां के लोगो को समाज के मुख्य धारा में जोड़ उन्हें अपना बनाने की बात कही थी. लेकिन लखनदेई नदी में आई बाढ़ ने जिलाधिकारी महोदय को भी इन लोगो के लिए पराया कर दिया. पटरियों पर रह रहे इन परिवारों का कहना है कि आलम यह है कि यहां रहने में ट्रेनों के गुजरने से सुबह शाम जान का जोखिम बना हुआ है.

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विगत 24 घंटे से रेलवे ट्रैक पर शरण लिए इन 200 परिवारों का आज सुध लेने वाला तक कोई नहीं है. बीते 24 घंटे से भूख प्यास से बिलखते यहां के बच्चों की चीख भी सुनने वाला कोई नहीं है. जब News Nation की टीम इस क्षेत्र में पहुंची तो पहले तो लोगो के आक्रोश का सामना करना पड़ा, बाद में यहां की वस्तु स्थिति को देख कर पता चला कि यहां की महिलाओं के लिए शौच जाने के लिए चलंत शौचालय तक कि भी व्यवस्था नहीं की गई है. यहां के लोग आस-पास के घरों में जाकर किसी तरह खाना मांग कर अपने बच्चों का आधा टाइम का पेट भर रहे हैं.

Source : Adityanand Arya

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