बिहार में बाढ़ के चलते 12 जिलों में भयंकर स्थिति बनी हुई है. भले ही सरकार राहत कार्य चला रही है, लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हुई हैं. मुजफ्फरपुर जिले में बूढ़ी गंडक सहित अन्य नदियां उफान पर हैं, जिसके कारण निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. अहियापुर के आदर्श थाना भवन का परिसर भी बाढ़ के पानी में डूब गया है. अहियापुर थाना में पुलिसकर्मियों को आने-जाने के लिए और गश्त करने के लिए नाव का उपयोग करना पड़ रहा है.
अहियापुर थाना के प्रभारी नरेंद्र कुमार ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा कि पुलिस पदाधिकारियों के साथ आम लोगों को भी नाव का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसके चलते थाने आने वाले आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
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उन्होंने कहा, "बाढ़ के कारण काम बंद नहीं किया जा सकता. बाढ़ के पानी से थाना परिसर के डूबने के चलते बहुत दिक्क हो रही है. आम लोगों को भी यहां आने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन द्वारा पुलिसकर्मियों के लिए एक नाव उपलब्ध करवाई गई है, जिसकी मदद से पुलिसकर्मी थाने आ जा रहे हैं."
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण ले चुके हैं, परंतु जिन बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोग मौजूद हैं, वहां पुलिसकर्मी गश्ती के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं. अहियापुर थाना परिसर और आसपास के इलाका पानी में डूब गया है. मकान के निचले हिस्से में चार फीट तक पानी जमा है. उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर जिले के नौ प्रखंडों के 75 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे करीब 3़50 लाख की आबादी प्रभावित है.
Source : IANS