बिहार के मुजफ्फरपुर का अखाड़ाघाट दुर्गा पूजा हर जगह मशहूर है. वहीं अखाड़ाघाट दुर्गा पूजा समिति ने नवरात्र की तैयारी अब शुरू कर दी है. बता दें कि यहां पिछले 11 सालों से पूजा होती आ रही है. इस बार दुर्गा माता की 15 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा बनाई जा रही है. गेट को भी काफी आकर्षक बनाया जा रहा है. पंडाल दक्षिणेश्वर काली माता मंदिर के स्वरूप में नजर आएगा. साथ ही लाइटिंग की जबरदस्त व्यवस्था भी की गई है. बता दें कि पर्याप्त जगह होने के कारण पंडाल की ऊंचाई करीब 80 फीट बनाई जा रही है. माता दुर्गा के सामने भगवान भोलेनाथ शेषनाग पर विराजमान होंगे. इसके अलावा माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय भी होंगे.
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बनारस से आएंगे आचार्य
आपको बता दें कि पूजा की व्यवस्था को लेकर पूजा समिति के अध्यक्ष राणा आलोक सिंह ने बताया कि, ''पूजा-पाठ कराने के लिए बनारस के अलावा स्थानीय पंडित रवि भूषण तिवारी भी मौजूद रहेंगे. मूर्तियां साहू रोड के मूर्तिकार मुन्ना द्वारा बनाई जा रही हैं. यहां माता की महाआरती सुबह 11 बजे और शाम को 7:30 बजे होती है.'' आगे अध्यक्ष ने बताया कि, ''इस बार सप्तमी से दशमी तक पूजा पंडाल और मूर्ति पर अलग-अलग प्रसाद चढ़ाया जायेगा. षष्ठी को राजमा-चावल, सप्तमी को खिचड़ी, अष्टमी को पूरी-छोला, नवमी को पूरी-हलवा, सब्जी और दशमी को मां को चावल-कढ़ी का भोग लगाया जाएगा. उसके बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया जायेगा.''
पंडाल को आकर्षक रूप देने की कोशिश
इसके साथ ही आपको बता दें कि राष्ट्रपति ने कहा कि, पूजा पंडाल की कलाकृतियों को आकर्षक बनाने की तैयारी की जा रही है. इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते रहे हैं. वहीं पूजा पंडाल की सजावट देखने के लिए दूसरे प्रखंडों से भी पूजा समिति के लोग आते हैं. हर साल इसे पहले से अलग बनाने की कोशिश की जाती है. 70 लोगों की कमेटी है, ये कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेंगे.
कोलकाता के कारीगर कर रहे तैयारी
वहीं स्थानीय मूर्तिकार सन्नी कुमार के नेतृत्व में कोलकाता के कारीगर पूजा पंडाल और रंग-बिरंगी रोशनी से सजावट करने में लगे हैं. यहां के वरिष्ठ लोगों के नेतृत्व में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पूरा आयोजन किया जाता है. वहीं सीके शाही, यदुवंश नारायण सिंह, भूषण सिंह मुखिया, उमेश सिंह, अनिल सिंह, अमरेंद्र सिंह, सत्यनारायण सिंह आदि जहां पूरे नवरात्र यहां तैनात रहते हैं. वहीं अष्टमी के दिन सैकड़ों महिलाएं माता खोइछा भरने आती हैं.
HIGHLIGHTS
- अखाड़ाघाट में दिखेगा दक्षिणेश्वर काली माता मंदिर का स्वरूप
- मुजफ्फरपुर में बन रहा 80 फीट ऊंचा पंडाल
- अखाड़ाघाट दुर्गा पूजा समिति ने दी जानकारी
Source : News State Bihar Jharkhand