पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे हैं, ने 31 अक्टूबर को अपनी नई पार्टी 'आसा' की घोषणा की. इस नाम का पूरा मतलब "आप सबकी आवाज" है, जिसे आरसीपी ने दीपावली के अवसर पर रखा है. उन्होंने बताया कि दीपावली का त्योहार आशा का प्रतीक है, और इसी भावना के साथ पार्टी का नाम चुना गया है.
पार्टी की झंडे से पहचान
आरसीपी सिंह ने पार्टी के झंडे की भी जानकारी दी. झंडा आयताकार होगा और इसमें तीन रंग शामिल होंगे: सबसे ऊपर हरा, बीच में पीला, और सबसे नीचे नीला. उन्होंने कहा, "बीच में जो पीला रंग है, उसी में चुनाव आयोग हमें चिह्न देगा, जो काले रंग में अंकित होगा." इसके अलावा, आरसीपी ने बताया कि उनकी पार्टी का संविधान अन्य राजनीतिक दलों से भिन्न होगा और भारतीय संविधान की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा.
शराबबंदी पर गंभीर सवाल
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी को असफल बताया. उन्होंने कहा, "किसी के खान-पान पर आप रोक नहीं लगा सकते हैं. शराबबंदी से सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है. ग्रामीण इलाकों में कई लोग जेल में हैं, और इसमें सुधार की आवश्यकता है." उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि शराबबंदी की सफलता का आकलन करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की जाए.
बिहार की छवि और पर्यटन
आरसीपी ने बिहार की छवि पर भी बात की, यह बताते हुए कि लोग अब प्रोग्राम करने के लिए बिहार नहीं आते, बल्कि रांची और बनारस की ओर जाते हैं. उन्होंने कहा, "बिहार में फाइव स्टार होटलों की संख्या बहुत कम है. पहले हमें यहां एक अनुकूल माहौल बनाना पड़ेगा ताकि लोग यहाँ आ सकें."
चुनाव की तैयारी
आगे, आरसीपी सिंह ने बताया कि उनकी पार्टी 2025 के चुनाव में मजबूत स्थिति में रहेगी. उनके पास पहले से ही 140 मजबूत उम्मीदवार तैयार हैं. आरसीपी ने कहा कि उनकी पार्टी जनजागरण कार्यक्रमों के माध्यम से शराबबंदी के खिलाफ आवाज उठाएगी और इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करने का प्रयास करेगी.