जलशक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग द्वारा चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 की घोषणा कर दी गई है. चंडीगढ़ को पहला स्थान मिला है. वहीं, बिहार के लिए गौरव की बात ये है कि बिहार को तीसरा स्थान मिला है. बिहार को तीसरा स्थान मिलने पर बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने खुशी जाहिर की है. संजय कुमार झा ने कहा कि बिहार को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना गर्व की बात है. साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार द्वारा लोगों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाए जाने का एक बार फिर से बखान किया. संजय कुमार ने कहा कि
बिहार को क्यों मिला अवार्ड
बता दें कि सूबे में कई जिलों में सिंचाई योजना चल रही है. इनमें दरभंगा में कमला नदी पर गरौल वीयर सिंचाई योजना मुख्य है. इसके तहत रेगूलेटर के माध्यम से सिंचाई की सुविधा किसानों को दी जा रही है. वहीं, मधुबनी में बलवा ग्राम के पास धौंस नदी पर आधारित बलवाघाट बराज सह सिंचाई योजना भी अवार्ड दिलाने में काफी अहम भूमिका निभाया. यहां पईन के रूपांकिल जलश्राव का अनुरूप पुनस्थापन काम हुआ है. इसके अलावा गया जिले के बोधगया प्रखंड में मोहाने नदी पर बतसपुर वीय का निर्माण कार्य और मोराटाल पईन से निस्सृत वितरण प्रणाली का आधुनिकरण किया जा रहा है. इन्ही सरकारी योजनाओं के कारण ही बिहार को तीसरा स्थान मिला है.
2018 में पहली बार शुरू किया गया था अवार्ड
बता दें कि पहली बार राष्ट्रीय जल पुरस्कार (2018) में आयोजित किया गया था. दूसरा राष्ट्रीय जल पुरस्कार (2019) और तीसरा राष्ट्रीय जल पुरस्कार (2020) में आयोजित किया गया था. इस बार चौधी बार राष्ट्री जल पुरस्कार का आयोजन किया गया था.
किसलिए शुरू हुआ पुरस्कार?
बताते चलें कि गैर-सरकारी संगठनों, ग्राम पंचायतों, शहरी स्थानीय निकायों, जल उपयोगकर्ता संघों, संस्थानों, कॉर्पोरेट क्षेत्र, नागरिकों समेत सभी हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार को शुरू की गई थी. पुरस्कार का मकसद आजजन को पानी के महत्व के बारे में जागरूक करना है और उत्तम जल उपयोग करने के लिए प्रेरिरित करना है.
HIGHLIGHTS
- राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2022 में बिहार का जलवा
- बिहार को मिला तीसरा स्थान
- चंडीगढ़ को मिला सर्वश्रेष्ठ स्थान
- चौथी बार किया गया था पुरस्कार का आयोजन
Source : News State Bihar Jharkhand