केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस पर दरभंगा से जाले विधानसभा सीट से मोहम्मद अली जिन्ना के 'समर्थक' को टिकट देने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने जाले से मशकूर अहमद उस्मानी को प्रत्याशी बनाया है. सिंह ने कहा कि कांग्रेस और महागठबंधन में शामिल दल जो लबादा ओढ़े थे, वह आज उतर गया. आज उनकी हकीकत सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को अब स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
सिंह ने मीडिया के खबरों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के जब अध्यक्ष थे तब वहां जिन्ना की तस्वीर लगने का उनपर आरोप लगाया गया था. उस्मानी पर जिन्ना का महिमामंडन का आरोप भी लगा था. इसके बाद वहां जमकर हंगामा हुआ था. सिंह ने कहा कि महागठबंधन के नेताओं को अब बताना चाहिए कि वे गांधी के साथ है या देश तोड़ने वाले जिन्ना के साथ हैं. उन्होंने बिना किसी के नाम लिए हुए कहा कि जो लोग राज्य में सत्ता संभालने का सपना देख रहे हैं उन्हें खुलकर इस विषय में अपनी बात रखनी चाहिए.
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के शासनकाल में यहां सिमी का कार्यालय खुल गया था. उन्होंने कहा, ''मैं पहले भी कहता रहा हूं रोपे पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए. अब स्थिति सबके सामने हैं. आखिर महागठबंधन के दल बिहार को देश को क्या बनाना चाहते हैं.'' इधर, उस्मानी को टिकट दिए जाने पर जाले के कांग्रेसी नेताओं ने भी विरोध किया है. कांग्रेस के नेता ऋषि मिश्रा ने उस्मानी को टिकट दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की. कांग्रेस नेता ऋषि मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने जिन्ना के अनुयायी उस्मानी को टिकट दे दिया, जिसे मिथिला के लेाग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. इधर, उस्मानी ने इन आरोपों पर बहुत कुछ तो नहीं कहा. उन्होंने कहा, ''जो कुछ था वह लोगों के बीच है, 'पब्लिक डोमेन' में है. भाजपा के लोगों के पास कोई मुद्दा नहीं है, तो यह मुददा बनाया जा रहा है."
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