जातीय जनगणना को लेकर बिहार में सियासी हलचलें थमने का नाम ही नहीं ले रहा. जहां बिहार सरकार जातीय जनगणना के पक्ष में है तो वहीं विपक्ष लगातार इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं. पटना हाईकोर्ट ने बिहार में तत्काल प्रभाव से जातिगत जनगणना पर रोक लगा दिया है. जिसे लेकर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने और जातीय जनगणना की इजाजत दिए जाने की मांग की है.
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
बता दें कि बिहार सरकार के वकील ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर कब सुनवाई करेगा, यह फिलहाल तय नहीं हुआ है. बता दें कि पहले जातीय जनगणना पर रोक लगाने को लेकर याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकार्ता को पटना हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया था. वहीं, 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने राज्य में चल रहे जातीय जनगणना को असंवैधानिक और गलत करार देते हुए इस पर रोक लगाने का आदेश दिया था. इसके साथ ही अब तक किए गए जातीय गणना को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था.
पटना हाई कोर्ट से बिहार सरकार को लग चुका है झटका
वहीं, हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 7 तारीख तय की थी, लेकिन इसके बाद प्रदेश सरकार ने जातीय जनणना पर जल्दी सुनवाई करने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बता दें कि 9 मई को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया था. बिहार सरकार की तरफ से की जा रही जातीय जनणना का करीब 80 फीसदी काम पुरा किया जा चुका है.
HIGHLIGHTS
- बिहार सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
- जातीय जनगणना को लेकर याचिका की दायर
- पटना हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग
Source : News State Bihar Jharkhand