बिहार के मत्स्यपालक अब अन्य राज्यों में जाकर मछली पालने के आधुनिक गुर सिखेंगे. बिहार सरकार इस साल 6500 से अधिक मछली पालकों को मछली पालन की आधुनिक तकनीक सीखने के लिए मुंबई और पश्चिम बंगाल प्रशिक्षण के लिए भेजने वाली है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग का लक्ष्य राज्य को मछली उत्पादन के मामले में आत्म्निर्भर बनाना है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मछली पालकों को अन्य राज्यों में नई तकनीक की जानकारी प्राप्त करने के लिए भेजा जाएगा. फिलहाल इस वर्ष 6500 मछली पालकों को प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने का लक्ष्य रखा गया है.
सभी चयनित मछली पालकों को मुंबई, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, भुवनेश्वर सहित 10 स्थानों पर प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा. इसके अलावा इन मछली पालकों के प्रशिक्षण विस्तार के लिए कार्यशाला, सेमिनार का भी आयोजन किया जाएगा.
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अधिकारी का कहना है कि अधिकांश स्थानों पर 30-30 लोगों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा.
सरकार का मानना है कि बिहार में जलाशयों, नदियों की कोई कमी नहीं है, परंतु बिहार आज भी मछली के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं बन सका है. एक आंकड़े के मुताबिक वर्तमान में राज्य में 6.02 लाख टन मछली का उत्पादन होता है, जबकि खपत 6.42 लाख टन होती है. राज्य में 40 हजार टन मछली का आयात होता है.
Source : IANS