बिहार (Bihar) में स्वास्थ्य विभाग अपने 'कारनामे' के लिए पहले भी चर्चित रहा है. फिलहाल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां जिंदा व्याक्ति को ही मृत घोषित कर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) भी जारी कर दिया गया. मामला बाढ़ थाने के मोहम्मदपुर निवासी नवल किशोर के 48 वर्षीय बेटे चुन्नू कुमार का है. पीएमसीएच के एक चिकित्सक ने बताया कि बाढ़ थाने के मोहम्मदपुर निवासी चुन्नू कुमार को ब्रेन हेमरेज के बाद नौ अप्रैल को पीएमसीएच में भर्ती कराया था. इलाज के क्रम में ही उनकी कोरोना (corona) जांच कराई गई, जिसमें वे पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद कोरोना वार्ड में उन्हें भर्ती करा दिया गया और उनका इलाज प्रारंभ किया गया.
अस्पताल प्रशासन द्वारा रविवार को उनकी पत्नी और भाई को सूचना दी गई कि चुन्नु की मौत हो गई. मौत के बाद शव को हटाने की आपाधापी में अस्पताल प्रशासन ने मरीज के शव को सीलपैक कर चुन्नू के भाई मनोज कुमार को सौंप दिया और मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. प्रशासन की देखरेख में शव के अंतिम संस्कार के लिए उन्हें ले जाया गया. इस क्रम में मृतक की पत्नी ने पति के अंतिम दर्शन करने की जिद करने लगी. परिजनों के मुताबिक जब अंतिम दर्शन करने के लिए शव पर से कपड़ा हटाया गया, तो शव चुन्नू का नहीं किसी और निकला. इसके बाद तो सभी हैरान रह गए.
इसके बाद पीएमसीएच हरकत में आया. पीएमसीएच में फिलहाल चुन्नू का इलाज चल रहा है, जिसकी पुष्टि पीएमएसीएच प्रशसन और चुन्नू के परिजन भी कर रहे हैं. इधर, जीवित कोरोना मरीज को मृत बताकर मौत का गलत सर्टिफिकेट देने के मामले में पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आई. एस. ठाकुर ने इसे बड़ी गलती बताते हुए हेल्थ मैनेजर अंजली कुमारी को बर्खास्त कर दिया है. मामले की गंभीरता से जांच को लेकर उन्होंने आनन-फानन में बैठक बुलायी. साथ ही कोविड वार्ड व पीएमसीएच में लगे सीसीटीवी फुटेज को देखा गया. यह मामला यहां चर्चा का विषय बना हुआ है.
इससे पहले चुन्नू की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया. रात में ही घर वालों ने वीडियो कॉल के माध्यम से चुन्नू को देखा था और डॉक्टरों ने भी जल्द ठीक होने का दावा किया था, लेकिन रोती-बिलखती पत्नी अपने परिजनों के साथ अंत्येष्टि स्थल पर पहुंची और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार के लिए कहा गया. पत्नी ने पति के अंतिम दर्शन की इच्छा जतायी. जैसे ही मृतक की बॉडी को दिखाया गया, पत्नी को कुछ शक हुआ. उसने पति का चेहरा देखने की बात कही. जैसे ही पत्नी ने मृतक का चेहरा देखा, तो कहा कि यह मेरा पति नहीं, बल्कि कोई दूसरा है. बांसघाट से लौटने के बाद परिजनों ने अस्पताल के कोविड वार्ड के गेट पर करीब आधा घंटा तक हंगामा किया. वहीं, बाद में अस्पताल प्रशासन ने चुन्नू के छोटे भाई मनोज को पीपीई किट पहनाकर कोविड वार्ड के अंदर भेजा. इसके बाद मनोज ने भाई से बातचीत की. फिर मामला शांत हुआ.
HIGHLIGHTS
- मोहम्मदपुर के जिंदा मरीज को दे दिया डेथ सर्टिफिकेट
- पत्नी ने आखिरी बार चेहरा देखने की करी जिद
- चेहरा देखते ही बोली उठी ये तो मेरे पति नहीं