बिहार में जूनियर डॉक्टरों की स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही. जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के कारण अस्पतालों की ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं पर असर पड़ा है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) जूनियर डॉक्टर एोसिएशन (जेडीए) के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार ने बताया कि राज्य के सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. उन्होंने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी हड़ताल का समर्थन दिया है और मांगों को जायज बताया है.
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इधर, सरकार द्वारा अब तक हड़ताल समाप्त करवाने को लेकर कोई पहल नहीं हुई है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि बुधवार को हड़ताल के बाद सरकार की तरफ से अब तक वार्ता के लिए कोई संपर्क नहीं साधा गया है.
इस बीच, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. भर्ती मरीज भी अब छुट्टी करवाकर अन्यत्र जा रहे हैं. डॉक्टर हालांकि कोविड 19 वार्ड में ड्यूटी कर रहे है.
जेडीए की प्रमुख मांग स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने की है. जेडीए का कहना है कि प्रत्येक तीन साल के बाद स्टाइपेंड की राशि बढ़ाने का सरकार ने 2017 में भरोसा दिया था, लेकिन उस समय के बाद अब तक स्टाइपेंड की राशि में बढ़ोतरी नहीं की गई है.
उन्होंने कहा कि इसको लेकर कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की गई लेकिन कोई लाभ नहीं मिला. आखिरकार हमलोगों को हड़ताल पर जाना पड़ा.
--आईएएनएस
Source : IANS