बिहार के निवासियों के लिए अब सरकार ने जमीन बेचना और खरीदना और भी आसान बना दिया है. अब चाहे जमीन निबंधन कराने आने वाले लोग हों या कर्यालय के कर्मचारी किसी को भी बार-बार सर्वर डाउन की परेशानी झेलनी नहीं पड़ेगी. 21 अक्टूबर से राज्य के 15 जिलों के निबंधन कार्यालयों में ई-पंजीयन प्रणाली शुरू होने जा रही है. इसको लेकर निबंधन उप महानिरीक्षक सुनील कुमार सुमन ने सभी 15 जिलों के जिला अवर निबंधक को पत्र भेजा है.
21 अक्टूबर को लास्ट डेट
पत्र के जरिए सब-रजिस्ट्रार को निर्देश दिए गए हैं कि नए सॉफ्टवेयर को निर्धारित तिथि पर शुरू करने के लिए सभी जरूरी काम पूर्ण कर लिए जाएं. दरअसल, वर्तमान में दस्तावेजों के पंजीयन से संबंधित कार्य स्कोर सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है, लेकिन अब नया सॉफ्टवेयर ई-निबंधन तैयार हो चुका है.
बता दें कि इस नए सॉफ्टवेयर को संचालित करने के लिए पर्याप्त एमबीपीएस इंटरनेट सेवा भी प्राप्त कर ली गई है. ऐसे में तकनीकी सहायता के लिए इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी से संपर्क स्थापित करने का जिक्र किया गया है.
निबंधन कार्यलय के नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर
इस सॉफ्टवेयर की खास बात ये होगी कि लोगों को निबंधन कार्यलय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. ऐसे में उन्हें सिर्फ जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित व्यक्ति को फोटो और फिंगर प्रिंट तथा एग्रीमेंट के लिए एक बार ही निबंधन कार्यालय आना होगा.
आम लोग घर बैठे कभी भी ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसके जरिए लोगों को जमीन की श्रेणी और उस पर देय शुल्क की जानकारी मिलेगी. सॉफ्टवेयर में पक्षकारों के लिए ई-केवाईसी का प्रावधान है, जिससे संपत्ति विक्रेता का आधार प्रमाणीकरण सुनिश्चित होगा.
नए सॉफ्टवेयर को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत किया जाएगा, ताकि रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन भी स्वत: हो सके. इसके लिए अलग से प्रक्रिया करने की जरूरत नहीं होगी.
यहां मिलेगी ई-निबंधन की सुविधा
फिलहाल, राज्य के 136 निबंधन कार्यालयों में से 16 निबंधन कार्यालयों में ऑनलाइन निबंधन किया जा रहा है. इसमें अरवल, बिक्रम, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी, संपतचक, बाढ़, रजौली, पातेपुर, कटरा, सोनपुर और पीरो शामिल है. इससे पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जहानाबाद, दानापुर, पटना सिटी, फतुहा और बिहटा में इस सुविधा को शुरू किया गया था.
इन जिलों में होगी व्यवस्था
ई-निबंधन की सुविधा राज्य के पश्चिम चंपारण, कैमूर, अररिया, बेगूसराय, भोजपुर, गया, गोपालगंज, कटिहार, लखीसराय, मधुबनी, नालंदा, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और सुपौल के निबंधन कार्यालयों में होने जा रही है.