बिहार के मुंगेर में इस साल दुर्गा पूजा की धूमधाम के बीच एक विशेष आकर्षण का केंद्र बना है. A-150 फीट ऊंचा पंडाल, जिसे बुर्ज खलीफा की थीम पर तैयार किया गया है. झारखंड के गिरिडीह जिले से आए कारीगरों ने इस भव्य पंडाल का निर्माण किया है, जो न केवल मुंगेर, बल्कि बिहार के अन्य जिलों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है. इस पंडाल में दुनिया की सबसे बड़ी इमारत 'दुबई के बुर्ज खलीफा' की छवि देखने को मिलती है, जिसमें देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है.
100 फीट ऊंचा और 150 फीट चौड़ा
पंडाल के साथ-साथ श्रद्धालु यहां 'कैलाश पर्वत' का भी दर्शन कर सकते हैं, जो 100 फीट ऊंचा और 150 फीट चौड़ा है. इस पर्वत पर देवों के देव महादेव विराजमान हैं, जो श्रद्धालुओं को और भी ज्यादा आकर्षित कर रहा है. दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सहारनपुर के कलाकारों द्वारा बनाया गया शीशे की नक्काशी वाला मार्ग भी विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रहा है. श्रद्धालु इसी मार्ग से होकर बड़ी दुर्गा महारानी का दर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा, भगवान श्रीराम का स्वरूप भी यहां 50 फीट ऊंचा और रंगीन LED बल्बों से सजाया गया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है.
360 वर्षों से ज्यादा पुराना इतिहास
कल्याणपुर में दुर्गापूजा महोत्सव का इतिहास 360 वर्षों से ज्यादा पुराना है. इस क्षेत्र के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. नीतीश बताते हैं कि मां महारानी की कृपा से यहां हर बार दुर्गा पूजा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. हाल ही में यहाँ विश्व होम्योपैथी सम्मेलन भी संपन्न हुआ था, जिसके कारण इस बार विशेष रूप से बुर्ज खलीफा का पंडाल बनाया गया है.
दुबई के बुर्ज खलीफा के आकार का पंडाल
इस पंडाल की रचना में जुटे मजदूर फिरोज ने बताया कि वह हर साल दुर्गा पूजा के दौरान बरियारपुर के कल्याणपुर में भव्य पंडाल बनाने के लिए आते हैं. इस बार दुबई के बुर्ज खलीफा के आकार का पंडाल बनाने में उन्होंने बांस, फट्टी, कपड़ा और लाइट का इस्तेमाल किया है. उन्होंने यह भी बताया कि रात में जब इस पंडाल पर लाइटिंग होती है, तो यह दुबई के बुर्ज खलीफा की याद दिलाता है.
25 मजदूरों ने 50 दिन में तैयार किया
पंडाल के निर्माण में 25 मजदूरों ने मिलकर 50 दिन तक दिन-रात मेहनत की. मजदूरों का मानना है कि मेहनत के जरिए हर चीज संभव है, और इसी विश्वास के साथ उन्होंने इस पंडाल को तैयार किया है.