बिहार शरीफ में मार्च महीने में हिंसा भड़की. घटना को हुए महीनों बीत गए. अब सरकार ने पीड़ितों के जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की, लेकिन इस बीच बिहार सरकार के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं. कभी बाजारों की रौनक रही दुकानें अब खंडहर बन चुकी हैं. आग तो बुझ गई, लेकिन तपिश आज तक यहां के स्थानियों खासकर कारोबारियों को दहका रही है. हालांकि सरकार ने इस जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश जरूर की, लेकिन अब सरकार की इस कोशिश पर सवाल उठ रहे हैं.
मदरसा अजीजिया का होगा पुनर्निर्माण
नालंदा के बिहार शरीफ में 31 मार्च को निकाले गए शोभा यात्रा के दौरान लहेरी थाना इलाके के गगनदीवान मोहल्ला के हिंसक झड़प की घटना घटी थी. इस घटना के बाद पूरे बिहार शरीफ में हिंसा भड़क गई. पथराव हुए... आगजनी हुई... गोलीबारी हुई... माहौल इतना बिगड़ा गया था कि शहर में अर्धसैनिक बल को तैनात किया गया था. वहीं, जिला प्रशासन ने कई दिनों तक इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया था. आगजनी में ना जाने कितनी ही दुकानें और घर राख हो गए. इन्हीं में से एक था भारवपर स्थित अजीजिया मदरसा, जिसमें आसामाजिक तत्वों ने घुसकर आग लगा दी थी. इस घटना में मदरसे के अंदर रखें कई ऐतिहासिक किताबें भी जलकर राख हो गई थी. वहीं, अब सरकार ने मदरसे के पुनर्निर्माण के लिए 29.78 करोड़ राशि की मंजूरी दी है. प्रदेश के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसको लेकर ट्वीट भी किया. जहां उन्होंने लिखा कि हम जो कहते हैं उसे पूरा करते हैं. रामनवमी शोभा यात्रा जुलूस में सम्मिलित कुछ उपद्रवी तत्वों ने बिहार शरीफ के 4500 पुस्तकों की विशाल लाइब्रेरी वाले सुप्रसिद्ध 125 वर्ष पुराने ऐतिहासिक अजीजिया मदरसे को आग लगा दी थी. इसके पुनर्निर्माण के लिए बिहार सरकार ने लगभग करोड़ रुपए की मंजूरी दी है.
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हिंसा में प्रभावित दूसरे दुकानदारों में नाराजगी!
सरकार के इस फैसले से एक तरफ मुस्लिम समुदाई में खुशी का माहौल है तो वहीं दूसरी ओर हिंसा से प्रभावित दूसरे दुकानदार इस पर सवाल उठा रहे हैं. वो इसलिए क्योंकि हिंसा से वो भी प्रभावित हुए उनकी दुकानें भी जलाई गई. जीवन भर की कमाई एक पल में राख में तब्दील हो गई. लाखों और करोड़ों का नुकसान हुआ. कई दुकानदार और कारोबारी तो आज तक अपना कारोबार दोबारा शुरू ही नहीं कर पाए, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें मुआवजे के नाम पर सिर्फ 1 लाख रुपए मिले.
मदरसे के पुनर्निर्माण के लिए 30 करोड़ की मंजूरी
मदरसा अजीजिया 125 साल पुराना ऐतिहासिक मदरसा है. 31 मार्च को नालंदा के बिहार शरीफ में शोभा यात्रा निकाली गई थी. यात्रा के दौरान आसामाजिक तत्व ने मदरसे पर हमला किया था. दंगाईयों ने मदरसा अजीजिया में घुसकर आग लगा दी थी. 4500 पुस्तकों वाली लाइब्रेरी भी जलकर राख हो गई थी. आग लगने से कई ऐतिहासिक किताबें जल गई थी. मदरसा में आग लगाने की घटना पर खूब राजनीति भी हुई थी. जिसके बाद अब सरकार ने पुनर्निर्माण के लिए 30 करोड़ मंजूर कर दिए हैं.
सरकार के फैसले पर कारोबारियों ने उठाए सवाल
एक ऐतिहासिक मदरसा के पुनर्मिणा के लिए सरकार का ये फैसला वाकई सराहनीय है, लेकिन हिंसा की आग में तो कारोबारी भी जले. उनका भी लाखों करोड़ों का नुकसान हुआ. उन्हें भी तो सरकार से मदद और मुआवजे की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल तो वो सरकार के मुआवजे से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. अब देखना ये होगा कि इस प्रभावित दुकानदारों की उम्मीदों पर सरकार खरी उतरती है या नहीं.
रिपोर्ट : शिव कुमार
HIGHLIGHTS
- सिर्फ मदरसे को मुआवजे का 'मरहम'?
- मदरसा अजीजिया का होगा पुनर्निर्माण
- मदरसे के पुनर्निर्माण के लिए 30 करोड़ की मंजूरी
- हिंसा में प्रभावित दूसरे दुकानदारों में नाराजगी!
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