नेता प्रतिपक्ष ने नये सिरे से बालू घाटों की बंदोबस्ती का किया विरोध, कही बड़ी बात

भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में बालू माफियाओं के मनमानी, नियम-शर्तो की अवहेलना और अवैध खनन पर गहरी चिन्ता व्यक्त किया.

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Ritu Sharma
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बालू घाटों की बंदोबस्ती का किया विरोध( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)

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बिहार की राजधानी पटना से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने राज्य में बालू माफियाओं के मनमानी, नियम-शर्तो की अवहेलना और अवैध खनन पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि, ''वर्तमान में बालू घाट बंदोबस्ती नियम में उन्हें एक बार में कम से कम 5 साल के लिए लाइसेंस देना जनहित में नहीं है. सरकार को इस नियम में संशोधन करना चाहिए.'' आगे सिन्हा ने कहा कि, ''बालू माफिया और खनन अधिकारियों की सांठगांठ से अवैध उत्खनन किया जा रहा है और इस हादसे में कई परिवार बर्बाद हो गये हैं. मुख्यमंत्री को इसकी जांच करानी चाहिए.''

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वहीं आगे सिन्हा ने कहा कि, ''बालू माफिया सरकार के किसी भी नियम और शर्तों का पालन नहीं करते हैं और जब विभागीय अधिकारी उनकी मनमानी और अवैध उत्खनन को रोकने के लिए पुलिस के साथ जाते हैं, तो उन पर हमला किया जाता है. वहीं नियम के मुताबिक जिन नदियों में सिर्फ 2 फीट तक खुदाई कर रेत निकालना होता है, वहां 6 से 8 फीट तक खुदाई कर दी जाती है. ऐसा ही मामला कुछ माह पहले बिक्रमगंज प्रखंड के नासरीगंज में पकड़ा गया था.''

वहीं सिन्हा ने कहा कि, मुंगेर के लाल दरवाजा में गंगा तट पर गहरी खुदाई कर बालू निकाला गया और उस गड्ढे में बारिश का पानी भरने से दो दिन पहले चार बच्चों की मौत हो गयी. गया जिले के डोभी में भी ऐसे ही एक हादसे में कुछ लोगों की मौत हो गई. बालू माफियाओं के अवैध खनन के कारण पूरे बिहार में ऐसी दुखद घटनाएं हो रही हैं.'' आगे सिन्हा ने कहा कि, खनन के 300 मीटर के अंदर निर्धारित मात्रा में बालू का भंडारण करने का प्रावधान है, लेकिन संचालक इसका पालन नहीं कर रहे हैं. सरकार रेत खनन पर प्रतिबंध लगाती है और हर साल कुछ महीनों के लिए इसे बंद कर देती है पर बालू माफियाओं के द्वारा सालों भर खुदाई जारी रखी जाती है.

साथ ही सिन्हा ने कहा कि, ''अब जी. पी. एस. लगे वाहन पर सरकार के द्वारा बालू ढुलाई का प्रावधान किया गया है. वहीं, माफिया द्वारा इस नियम का पालन करना भी संदिग्ध है. बालू लोडिंग में भी सरकार की ओर से वजन तय है, लेकिन हमेशा निर्धारित मात्रा से अधिक बालू लोड किया जाता है.'' साथ ही सिन्हा ने कहा कि, कुछ साल पहले रेत माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप में वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई थी, लेकिन सरकार से करीबी संबंधों और उन्हें वित्तीय लाभ पहुंचाने के कारण रेत माफिया आज भी फल-फूल रहे हैं. बता दें कि सिन्हा ने मांग की है कि बालू माफिया और महागठबंधन नेताओं की सांठगांठ की उच्चस्तरीय जांच करायी जाये.''

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Source : News State Bihar Jharkhand

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