बिहार के जमुई में सदर अस्पताल में प्रसूता की डिलीवरी नर्स से कराने का एक ताजा मामला सामने आया है. इतना ही नहीं डिलवरी में नवजात बच्चे की मौत भी हो गई जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया. बताया जा रहा है कि प्रसव कक्ष में 12 घंटे दर्द से प्रसूता कराहती रही उसके बाद महिला की डिलेवरी नर्स द्वारा कराये जाने से नवजात बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनो ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए चार घंटे तक प्रसव कक्ष के पास हंगामा किया. बताया जा रहा है कि सदर प्रखंड के खड्गोर गांव निवासी मोहन कुमार साव कि प्रसूता पत्नी रानी देवी को प्रसव के लिए 17 अगस्त कि शाम करीब 5 बजे सदर अस्पताल के लेबर रूम में लाया गया.
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जहां चैकप के बाद उसे अभी और टाइम लगने की बात कही गई. वहीं जब देर रात को अचानक प्रसूता के पेट में तेज दर्द होना शुरू हुआ तो प्रसूता की सास डयूटी कर रही महिला डॉक्टर कविता सिंह के कक्ष में पहुंची. बताया गया कि जहां घंटो आवाज दिये जाने के बाद भी वह नही उठीं. पीडिता की हालत गंभीर होने लगी तो प्रसूता की सास ने एक नर्स का पैर पकड खुब गिडगिडायी तो वह नर्स उठकर प्रसूता को देखने गई. जिसके बाद महिला ने सुबह 6:45 बजे एक लड़के को जन्म दिया. पर कुछ मिनट बाद ही नर्स दौडती हुई महिला डॉक्टर कक्ष गई और पुरी घटना बताये जाने के बाद महिला डॉक्टर कविता सिंह अपने कक्ष से निकलकर बच्चे को देख उसे मृत घोषित कर दिया. जबकि प्रसूता महिला की हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा
वहीं जैसे ही नवजात बच्चे के मौत की खबर उसके परिजनों को लगी परिजन आक्रोशित हो गए. और वहां मौजूद महिला चिकित्सक डॉ. कविता सिंह पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के लेबर रूम के समीप चार घंटे तक हंगामा किया. साथ ही घटना की जानकारी मिलने के बाद जांच के लिए पहुंचे अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. सैयद नौशाद अहमद का भी परिजनो ने घेराव कर आरोपी महिला डॉक्टर व नर्स के खिलाफ कारवाई करने की मांग की. साथ ही अस्पताल परिसर में फैले कुव्यवस्था को ठीक करने की मांग की.
वहीं इस पूरे मामले पर सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. सैयद नौशाद अहमद ने परिवार को भरोस दिलाते हुए आरोपी नर्स के खिलाफ कारवाई की बात कही है.
Source : गौतम