बिहार के बेतिया जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, जहां नरकटियागंज प्रखंड के डीके शिकारपुर जाने वाली पथ पर बने पुल को छह माह पूर्व संवेदक द्वारा तोड़ने के बाद नहीं बनाया गया, जिससे यहां से आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं सरेही नदी पर बने पुल के टूट जाने से आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीण और राहगीर पैदल ही बांस का चबूतरा पार करने को मजबूर हैं.
हालांकि, इसमें बाइकर्स को काफी जोखिम उठाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि करीब छह माह पूर्व पुल निर्माण को लेकर इंस्पेक्टर द्वारा पुल को तोड़ दिया गया था और तब से न तो कार्य शुरू हुआ और न आने-जाने के लिए कोई डायवर्सन बनाया गया. ग्रामीणों के सहयोग से किसी तरह बांस का चचरी पुल बनाया गया, ताकि किसी तरह आवागमन सुगम हो सके. इसको लेकर ग्रामीणों ने बताया कि, ''यह पुल राखी से डीके शिकारपुर के बीच सरेही नदी पर बनाया गया है.''
इसके साथ ही आपको बता दें कि फिलहाल स्थिति इतनी भयावह है कि बाइक सवारों को पैदल ही पार करना पड़ रहा है, जिसमें काफी जोखिम भी है. वहीं कई बार लोग गिर भी गए हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- बेतिया में दिखा चौंकाने वाला नजारा
- पुराना पुल तोड़ने के 6 महीने बाद बांस बना सहारा
- आप भी हो जाएंगे दंग
Source : News State Bihar Jharkhand