Bihar News: केके पाठक के नए फरमान पर क्या है शिक्षकों की राय? सियासी दंगल भी शुरू
बिहार शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक का नया आदेश एक बार फिर से सुर्खियों में है. शिक्षा सचिव के आदेश के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तो हो ही रहा है, लेकिन शिक्षकों की भी मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है.
बिहार शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक का नया आदेश एक बार फिर से सुर्खियों में है. शिक्षा सचिव के आदेश के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तो हो ही रहा है, लेकिन शिक्षकों की भी मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. के के पाठक ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने का जिम्मा अपने कंधे पर उठा लिया है. हर रोज कोई ना कोई नए फरमान भी जारी किए जा रहे हैं. हालांकि कुछ फरमानों पर सियासत भी फुल स्पीड में हो रही है. ऐसा ही एक आदेश शिक्षा सचिव ने जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मिड डे मील के तहत जो भी खाद्यान्न स्कूलों को दिया किया जाता है, उसके बोरे को बेचने की जिम्मेदारी भी अभी स्कूल के शिक्षकों की होगी. इस आदेश के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी चर्म पर है.
बोरो की जिम्मेदारी संभालना मुश्किल
वैसे तो हमारी टीम ACS के इस नए फरमान को लेकर खबर करने पहुंची थी, लेकिन इस दौरान हमने स्कूल में कई सारी कमियों को भी देखा. जिसको लेकर शिक्षकों ने तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उनकी इरादे साफ झलक रहे थे. जहां स्कूल के बगल से ही नाला बह रहा है, लेकिन उसकी बाउंड्री तक नहीं की गई है. खैर हमारी टीम पटना के ही एक दूसरे मध्य विद्यालय भी पहुंची, जहां पर शिक्षकों ने इस आदेश पर बोलने से बचते नजर आए, लेकिन ऑफ कैमरा उन्होंने बहुत कुछ कह दिया. शिक्षकों का साफ तौर पर कहना है कि एक तो स्कूल में संसाधनों की कमी है, दूसरा मध्यान भोजन रखने के लिए स्टोर तक की व्यवस्था खुद से करनी पड़ती है. अब खाली बोरो की जिम्मेदारी भी उन्हें संभालना काफी मुश्किल होगा.
अभी तक तो आपने शिक्षकों की बात जानी, लेकिन अब इस लेटर पर सियासी दंगल भी शुरू हो गया है. बीजेपी नेता संजय टाइगर ने कहा कि शिक्षक अब बोरे बेचेंगे कि बच्चों को शिक्षित करेंगे. संजय सिंह टाइगर ने साफ तौर पर राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश सरकार में शिक्षा गर्त में जा चुकी है और शिक्षा सचिव अपने अजीबोगरीब फरमान से शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं. वहीं, आरजेडी और जदयू ने पलटवार किया है. आरजेडी प्रवक्ता शक्तिसिंह यादव का मानना है कि केके पाठक के इस आदेश से बिहार सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, लेकिन लगे हाथ बीजेपी पर भी निशाना साधते हुए कह दिया कि बीजेपी नहीं चाहती कि राज्य का खजाना भरे. वहीं, जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने साफ तौर पर कहा कि पाठक का यह फैसला बेहद सराहनीय है और इस फैसले की वजह से मिड डे मील में काफी पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भी सहूलियत होगी.
बात चाहे शिक्षकों की हो या फिर सियासी, सभी की जुबान पर केके पाठक है और उनके वो फैसले जिनसे कई बार विवाद भी हुआ है, लेकिन इस बार बीजेपी ने केके पाठक के बहाने महागठबंधन को लपेटा है.