Advertisment

बिहार अभी ‘लॉकडाउन’ हटाने के पक्ष में नहीं, प्रवासी कामगार कानून की समीक्षा की जरूरत : सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के मद्देनजर राज्य सरकार फिलहाल कम-से-कम 30 मई तक रियायतों के साथ लॉकडाउन जारी रखने के पक्ष में हैं.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Sushil Modi

बिहार अभी ‘लॉकडाउन’ हटाने के पक्ष में नहीं : सुशील मोदी( Photo Credit : फाइल फोटो)

प्रवासी कामगार कानून की समीक्षा की जरूरत बताते हुए बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा है कि कोरोना संकट के मद्देनजर राज्य सरकार फिलहाल कम-से-कम 30 मई तक रियायतों के साथ ‘लॉकडाउन’ (बंद) जारी रखने के पक्ष में हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हम राज्य में ट्रेनों को भी अभी अनुमति देने के इच्छुक नहीं है. हालांकि मोदी ने कहा कि इस बारे में जो भी केंद्र का निर्णय होगा, बिहार सरकार उसका पालन करेगी. प्रदेश के वित्त मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे मोदी ने फोन पर ‘भाषा’ के साथ बातचीत में प्रवासी मजदूरों (Migrant Labourers) के पारिश्रमिक, कल्याण, बेहतर रहन-सहन और अन्य सुविधाओं से जुड़े 1978 के अंतरराज्यीय-प्रवासी कामगार (रोजगार नियमन और सेवा शर्त) कानून की तत्काल समीक्षा करने और उसे प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने की आवश्यकता बतायी.

Advertisment

यह भी पढ़ें: बिहार : BJP युवा मोर्चा के नेता की गोली मारकर हत्या, दो साथियों की हालत गंभीर

प्रवासी मजदूरों से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘विस्थापन एक स्वभाविक बात है और यह हर जगह है. आवश्यकता है कि प्रवासी मजदूरों के पारिश्रमिक, कल्याण, बेहतर रहन-सहन और अन्य सुविधाओं से जुड़े 1978 के अंतरराज्यीय-प्रवासी कामगार (रोजगार नियमन और सेवा शर्त) कानून की तत्काल समीक्षा की जाए और उसे प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जाए. अगर कानून सही तरीके से काम करता तो प्रवासी मजदूरों को लेकर इतनी समस्या नहीं होती.’ मोदी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार उद्योग जगत समेत विभिन्न विभागों के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है.

लॉकडाउन के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, ‘इस बारे में हमने केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है. इस संदर्भ में केंद्र का जो निर्णय होगा, उसके हिसाब से कदम उठाया जाएगा. लेकिन हम लोग अभी छूट के साथ कम-से-कम 30 मई तक ‘लॉकडाउन’ जारी रखने के पक्ष में हैं. हम राज्य में ट्रेनों को भी फिलहाल अनुमति देने के पक्ष में नहीं है.’ कोरोना संकट और ‘लॉकडाउन’ का राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा, ‘राज्य के अपने राजस्व संग्रह पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इस साल यह अप्रैल में पिछले वर्ष के इसी महीने के मुकाबले 84 प्रतिशत कम रहा है. बंद के मोर्चे पर मई में कुछ ढील और आने वाले समय में रियायतें बढ़ने के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीने अप्रैल-जून में राजस्व संग्रह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 25 प्रतिशत के करीब रहने की आशंका है.’

Advertisment

यह भी पढ़ें: कांग्रेस का आरोप, बिहार सरकार प्रवासी मजदूरों को अपमानित कर रही

उन्होंने कहा, ‘दूसरी तरफ कोरोना संकट के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय के अलावा इसकी रोकथाम के उपायों और गरीबों को राहत देने में करीब 5,000 करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है.’ उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने लगभग 1.68 करोड़ राशनकार्ड धारकों के साथ दूसरे राज्यों में फंसे करीब 20 लाख प्रवासी मजदूरों को 1,000-1,000 रुपये दिया है. साथ ही विधवा, दिव्यांगों और बुजुर्गों को तीन महीने की पेंशन अग्रिम दी गयी है. इसके अलावा पृथक केंद्र में रहने वालों को 1,000 रुपये नकद और जरूरी सामान के साथ चिकित्साकर्मियों को एक महीने का वेतन प्रोत्साहन स्वरूप दिया जा रहा है.

आर्थिक समस्या से निपटने के उपायों के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, ‘बिहार समेत सभी राज्यों ने केंद्र से एफआरबीएम कानून के तहत कर्ज सीमा मौजूदा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत (राज्य जीडीपी का) करने का आग्रह किया है. इस बारे में केंद्र की तरफ से जल्दी निर्णय किये जाने की उम्मीद है.’ एफआरबीएम कानून के तहत राज्यों को अपना राजकोषीय घाटा राज्य सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत के दायरे में रखने की आवश्यकता है. बिहार के वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में राज्य का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 6,85,797 करोड़ रुपये अनुमानित है. इस लिहाज से कर्ज लेने में 2 प्रतिशत की छूट से राज्य को लगभग 13,500 करोड़ रुपये मिल सकता है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: बिहार में कोरोना के 112 नए मरीज, वायरस से संक्रमित रोगियों की संख्या 1145 हुई

प्रवासी मजदूरों को राज्य में आने की अनुमति के साथ राज्य में कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की बढ़ती संख्या के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, ‘यह सही है. फिलहाल जो भी ‘एक्टिव’ मामले हैं, उनमें बड़ी संख्या प्रवासी मजदूरों की है. यह कोई अप्रत्याशित नहीं है. यह बढ़ेगा लेकिन अच्छी बात यह है कि ठीक होने की दर 40 प्रतिशत से ऊपर है. मृत्यु दर बहुत कम है. यहां के लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है.’ उल्लेखनीय है कि 16 मई को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य में अब तक कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या 1083 हो गयी है जिसमें से 453 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 7 लोगों की मौत हुई है. फिलहाल संक्रमित मामलों की संख्या 623 है जिसमें से 454 प्रवासी मजदूर हैं.

यह वीडियो देखें: 

Advertisment

Bihar Government lockdown corona-virus Sushil Kumar Modi
Advertisment
Advertisment