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Bihar Paper Leak: पेपर लीक के खिलाफ विधानसभा सत्र में बिहार सरकार लाएगी प्रस्ताव

Bihar Paper Leak: बिहार में पेपर लीक के खिलाफ नीतीश सरकार सख्त नजर आ रही है. प्रदेश में बार-बार पेपर लीक का मामला सामने आ रहा है और इसे देखते हुए नीतीश सरकार आगामी विधानसभा सत्र में पेपर लीक के खिलाफ प्रस्ताव लाने वाली है.

Updated on: 17 Jun 2024, 09:10 PM

highlights

  • एक्शन में नीतीश सरकार
  • पेपर लीक के खिलाफ बिहार सरकार सख्त
  • आगामी विधानसभा सत्र में पेपर लीक को लेकर प्रस्ताव

 

Patna:

बिहार में बड़े से बड़े एग्जाम में पेपर लीक होना कोई नई बात नहीं है. मैट्रिक की परीक्षा से लेकर प्रतिष्ठित एग्जाम बीपीएससी में भी पेपर लीक का मामला सामने आ चुका है. वहीं, अब नीट परीक्षा पेपर लीक का मामला पूरे देश में गहराता जा रहा है और इसका भी मास्टरमाइंड बिहार से निकल कर सामने आया है. इन सबके बीच पेपर ली को लेकर बिहार सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इसे लेकर बड़े निर्देश दिए हैं. जानकारी की मानें तो आगामी विधानसभा सत्र में पेपर लीक को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा. निर्देश के अनुसार परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अनियमियता को रोकने के लिए नीतीश सरकार आगामी विधानसभा सत्र में यह प्रस्ताव लाने वाली है. 

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पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून लाएगी बिहार सरकार

आपको बता दें कि NEET परीक्षा पेपर ली को लेकर बिहार की आर्थिक अपराध इकाई को बड़ी सफलता मिली है और उन्होंने पटना से मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को गिरफ्तार कर लिया है. संजीव मुखिया का नाम पेपर लीक को लेकर पहली बार सामने नहीं आया है, बल्कि इससे पहले भी संजीव मुखिया का नाम बिहार और यूपी में पेपर लीक मामलों में आ चुका है. संजीव मुखिया मूलरूप से बिहार के नालंदा का रहने वाला है और पेपर लीक मामले में फरार चल रहा था. 

इसी साल BPSC शिक्षक भर्ती का भी पेपर हुआ था लीक

इससे पहले बिहार में BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने की खबर सामने आई थी. बता दें कि प्रदेश में बीपीएससी के द्वारा ही सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति की परीक्षा का आयोजन कराया जाता है. बिहार शिक्षक भर्ती तीसरे चरण की परीक्षा का आयोजन 15 मार्च, 2024 को ली गई थी. जिसमें कुल 87,709 रिक्त पदों पर बहाली निकाली गई थी. वहीं राज्य का इतना बड़ा एग्जाम होने के बाद भी शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया था, जिसके बाद बिहार सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े हो गए थे.