बिहार में आखिर जाम की समस्या से कब लोगों को मुक्ति मिलेगी ? ये सवाल बिहार का हर परेशान हो रहे लोग पूछ रहे हैं. देखा जाए तो बिहार में ट्रैफिक कंट्रोल की कोई व्यवस्था नहीं है, आए दिन जाम में फंसने वाले लोगों के मुंह से कुछ ऐसे वाक्य निकल रहे हैं, जो सरकार पर सवाल खड़ा कर देते हैं. शहर में हर दिन लोग घंटों जाम में फंस रहे हैं, ऐसे में कई मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है, वहीं बिहारशरीफ शहर में जाम से निजात के लिए की गई नई व्यवस्था के बाद भी राहत नहीं मिल रही है. जाम में फंसकर लोगों की जान जा रही है. शनिवार को भी बिहारशरीफ शहर के भवापर, रांची रोड, अंबर चौराहा, नई सराय, खंदक में भीषण जाम ने फिर एक मरीज की जान ले ली, जिसको लेकर अब लोगों में आक्रोश है.
आपको बता दें कि बिहारशरीफ में करीब डेढ़ घंटे तक जाम में फंसे रहने वाले मरीज सिलाव प्रखंड के कराह गांव निवासी मोहम्मद शेख थे, जिसका इलाज जलालपुर स्थित मोती मेमोरियल अस्पताल में चल रहा था, लेकिन डॉक्टरों द्वारा स्थिति को देखते हुए उसे विंस पावापुरी रेफर कर दिया गया था. वहीं रास्ते में एंबुलेंस के जाम में फंसने से मरीज की जान चली गयी.
इसके साथ ही आपको बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर यातायात डीएसपी ने दावा करते हुए कहा कि, ''अभी तक मुझे ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है कि जाम के कारण एंबुलेंस में किसी मरीज की मौत हुई है और ये बातें पूरी तरह से निराधार हैं कि एंबुलेंस डेढ़ घंटे तक जाम में फंसी रही. मरीज के परिजन आरोप लगाते रहते हैं कि शहर में जाम रहता है, लेकिन दस से पंद्रह मिनट तक ही लोग जाम में फसते हैं, इससे ज्यादा देर तक लोग जाम में नहीं फंसते. आप चाहें तो हमारे साथ सामान्य वाहन से चलकर देख सकते हैं और आज सीएम के आगमन को लेकर शहर में अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है, इसलिए इतना जाम नहीं लग सकता और अगर कहीं ऐसा हुआ है तो मैं मैं इसका पता करता हूं.''
HIGHLIGHTS
- घंटो यातायात जाम में एंबुलेंस के फसने से हुआ बवाल
- नालंदा में चली गई मरीज कि जान
- परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
Source : News State Bihar Jharkhand