बिहार में लगातार अपराध, गुंडागर्दी लूट कि बड़ी घटाएं सामने आ रही है. वहीं अगर पुलिस मुख्यालय 2021 के एनसीआरबी (NCRB) डेटा पर नजर डालें तो अपराध जैसी बड़ी घटनाओं का हवाला दे रहा है, जब अपराध के मामले में बिहार 24वें स्थान पर था. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से 2022 का डेटा जारी नहीं किया गया है, लेकिन एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने दावा किया है कि, बिहार एक शांत और अपराध नियंत्रित राज्य है. यही वजह है कि राजधानी में अपराध की रोकथाम को लेकर कुछ अहम कदम उठाए गए हैं.
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लगातार हो रहे अपराध को लेकर बिहार पुलिस अलर्ट
आपको बता दें कि ADG मुख्यालय के मुताबिक, ''पटना में पुलिस के पास 106 टाउन आउट पोस्ट (TOP) थे, जो पहले से ही डिएक्टिवेट थे, उनकी पहचान कर उन्हें एक्टिव कर दिया गया है. अब तक कुल 75 टाउन आउट पोस्ट को एक्टिव किया जा चुका है. बाकी के बचे टाउन आउट पोस्ट को अगले एक महीने में एक्टिव कर दिया जाएगा.'' बता दें कि हर एरिया को अपराध मुक्त बनाने के लिए हर टाउन आउट पोस्ट को बड़ी जिम्मेवारी दी गई है. अब इनकी टीम अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर सर्वे करेगी. आगे बताते चले कि, इस सर्वे से पता लगाया जाएगा कि किस घर में कौन-कौन रह रहा है ? पुलिस की टीम अपने इलाके के लोगों को जानेगी, उन्हें पहचानेगी की कौन कहां जा रहा है ? इसके अलावा, किरायेदार कौन है? कहां का रहने वाला है ? ये सारी जानकारी पुलिस के पास होगी. बताया जा रहा है कि इससे अपराध की रोकथाम में काफी ज्यादा फायदा होगा. वहीं अगले एक महीने में पटना में सर्वे का काम पूरा हो जाएगा. साथ ही जल्द ही अन्य शहरों में भी यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी.
इसके साथ ही बता दें कि कैमरे की मदद से राजधानी में क्राइम कंट्रोल को लेकर पुलिस ने एक नया तरीका भी तैयार किया है. दरअसल, इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर (ICCC) के शहर में करीब 2 हजार CCTV लगाए जाने हैं, जिसमें 1600 CCTV लगाए जा चुके हैं. वहीं 400 CCTV भी लगाया जाएगा. बता दें कि ADG मुख्यालय के मुताबिक, इसका दायरा बढ़ाने के लिए लोगों से बात की जाएगी. लोगों के घरों, दुकानों और उनके प्रतिष्ठानों के बाहर लगे सीसीटीवी को आईसीसीसी से जोड़ा जाएगा, इससे पुलिस को अपराध पर नियंत्रण करने और छिनतई और लूट की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी.
इसके अलावा, ईआरएसएस का प्रतिक्रिया समय अब 20 मिनट है। अपराध नियंत्रण में आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) का भी उपयोग किया जा रहा है. जब भी किसी घटना या आपातकालीन सेवा के लिए ERSS-112 पर कॉल आती है तो उसका रिस्पांस बहुत तेजी से होता है. वहीं एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के मुताबिक, ''ERSS-112 का रिस्पांस टाइम 12 मिनट घट गया है. हालांकि पहले 32 मिनट का रिस्पांस टाइम होता था, जिसे अब घटाकर 20 मिनट कर दिया गया है.''
HIGHLIGHTS
- क्राइम कंट्रोल के लिए बिहार पुलिस का नया कदम
- राजधानी में लगे हर CCTV को ICCC से जोड़ने की तैयारी
- एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार खुद कर रहे जांच
Source : News State Bihar Jharkhand