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बिहार राजनीतिक हलचल: BJP के इस फैसले से खुश हो सकते हैं नीतीश कुमार

बिहार में सियासी गहमा-गहमी के बीच, बीजेपी के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह तीसरी बार बिहार विधान परिषद के सभापति चुने गए हैं. देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद बनने के बाद यह पद खाली हो गया था. ठाकुर ने 14 जून को इस्तीफा दिया था. जदयू के प्रो. रामवचन राय को नया उप सभापति नियुक्त किया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श कर इन नामों पर सहमति दी है.

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Ritu Sharma
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CM नीतीश कुमार( Photo Credit : Newsstate Bihar Jharkhand)

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Political News: बिहार में इस समय सियासी पारा चढ़ा हुआ है. लोकसभा चुनाव खत्म होते ही सभी पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी करती नजर आ रही हैं. इसी बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह एक बार फिर बिहार विधान परिषद के सभापति चुने गए हैं. यह उनका तीसरा कार्यकाल होगा. देवेश चंद्र ठाकुर के सांसद चुने जाने के बाद सभापति का पद खाली हो गया था. ठाकुर ने 14 जून को सभापति पद से इस्तीफा दिया था. नए उप सभापति के रूप में जदयू के प्रो. रामवचन राय का नाम सामने आया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श कर इन नामों पर सहमति दी है. बता दें कि प्रो. राय पहली बार विधान परिषद के उप सभापति बनाए गए हैं.

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पहला और दूसरा कार्यकाल

अवधेश नारायण सिंह पहले भी विधान परिषद के सभापति रह चुके हैं. 2012 में वे पहली बार इस पद पर निर्वाचित हुए थे और उनका कार्यकाल 2017 में समाप्त हुआ. इसके बाद, वे पुनः 25 अगस्त 2022 तक सभापति रहे. उनके बाद जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर ने इस पद को संभाला. अब एक बार फिर अवधेश नारायण सिंह को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है.

विधान परिषद और विधानसभा में भाजपा का दबदबा

आपको बता दें कि अवधेश नारायण सिंह के सभापति बनने के बाद बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों का प्रमुख पद भाजपा के पास चला जाएगा. बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव भी भाजपा के कोटे से हैं. 2005 से 2020 तक विधानसभा का अध्यक्ष पद जदयू के पास था, लेकिन 2020 में भाजपा के साथ साझा सरकार बनने पर यह पद भाजपा के पास चला गया. 2022 में परिषद के सभापति का पद जदयू के पास था, लेकिन अब यह पुनः भाजपा के पास आ रहा है.

नीतीश कुमार के साथ संबंध

वहीं अवधेश नारायण सिंह के सभापति बनने में केवल उनका भाजपा से होना महत्वपूर्ण नहीं है. इससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके निजी संबंध बहुत अच्छे हैं. यह व्यक्तिगत संबंध उनके पुनः सभापति बनने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है.

प्रो. रामवचन राय का नया दायित्व

इसके अलावा आपको बता दें कि जदयू के प्रो. रामवचन राय पहली बार विधान परिषद के उप सभापति बनाए जा रहे हैं. प्रो. राय को यह दायित्व सौंपने के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच और पार्टी के भीतर उनके प्रभाव को माना जा सकता है.

राजनीतिक संतुलन

इस नियुक्ति से भाजपा और जदयू के बीच राजनीतिक संतुलन को बनाए रखने का प्रयास किया गया है, जहां एक ओर भाजपा को विधान मंडल के दोनों सदनों का प्रमुख पद मिला है. वहीं जदयू को भी उप सभापति का महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है.

HIGHLIGHTS

  • बिहार राजनीतिक हलचल
  • विधान परिषद के सभापति चुने गए अवधेश नारायण सिंह!
  • BJP के इस फैसले से खुश हो सकते हैं नीतीश कुमार

Source : News State Bihar Jharkhand

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